Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019द नीलेश मिसरा शो | आल्हा गायिका शीलू राजपूत की जोश भरने वाली कहानी

द नीलेश मिसरा शो | आल्हा गायिका शीलू राजपूत की जोश भरने वाली कहानी

शीलू ने चुना वो काम जो सिर्फ पुरुषों का समझा जाता था

नीलेश मिसरा
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रायबरेली की आल्हा गायिका शीलू सिंह राजपूत
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रायबरेली की आल्हा गायिका शीलू सिंह राजपूत
(फोटो: Quint Hindi)

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हमारे हीरो हमारे आसपास रहते हैं, अपनी छोटी-छोटी लड़ाइयां लड़ते हुए, अपने लिए नए रास्ते बनाते हुए, दूसरों को नए रास्ते दिखाते हुए...पर अक्सर हम अपने आसपास रहने वाले उन हीरोज को नजरअंदाज कर देते हैं. ‘द नीलेश मिसरा शो’ ऐसे ही हीरोज को आपके सामने लेकर आ रहा है. इस शो के हर एपिसोड में उन लोगों की, उन मुद्दों की बात होगी, जो बदलते हुए भारत का आईना हैं, जो आने वाले कल की उम्मीद हैं. ऐसे अनसंग हीरो, वो आम से दिखने वाले लोग जो दुनिया में जज्बा भरते हैं. वो मुद्दे जो आपकी जिंदगी पर सीधा असर डालते हैं, वो कहानियां जो कही ही नहीं गईं, आपको सुनाएगा और दिखाएगा ये खास शो. देश के सबसे बड़े ग्रामीण मीडिया प्लेटफार्म गांव कनेक्शन और क्विंट आपके लिए हर हफ्ते लेकर आएंगे ‘द नीलेश मिसरा शो’.

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'द नीलेश मिसरा शो' के पहले एपिसोड की एक स्टार हैं शीलू सिंह राजपूत. गांवों और छोटे-छोटे कस्बों से निकली इस लड़की ने समाज के बनाए नियमों को मानने से इनकार करके अपने लिए नए नियम बनाए.

शीलू सिंह राजपूत

उत्तर प्रदेश के रायबरेली की रहने वाली शीलू सिंह राजपूत ने जब आल्हा गायिका बनने का सपना देखा तो उसने नहीं सोचा था कि वो कितनी लड़कियों के लिए रास्ते खोलने वाली हैं. शीलू जिस गांव से आती हैं, वहां फैमिली फंक्शन में भी फिल्मों के गाने पर डांस करने से पहले तक लड़कियां कई बार सोचती हैं, लेकिन शीलू आल्हा गायिका बनना चाहती थीं. आल्हा बुंदेलखंड का एक लोक गीत है, जिसे शीलू से पहले सिर्फ पुरुष गाते आए थे. लेकिन शीलू ने पुरुषों के माने जाने वाले इस क्षेत्र में ना सिर्फ कदम रखा बल्कि खूब नाम भी कमाया.

शीलू जब बुलंद आवाज में आल्हा गाती है तो सुनने वालों में जोश उफान पर होता है(फोटो: द नीलेश मिसरा शो)

पिछले कुछ सालों में शीलू सिंह राजपूत इस लोक गायकी का बड़ा नाम बन गई हैं. वो मंच पर तब दांत भींचते हुए तलवार भांजती हैं, मंच के सामने बैठी भीड़ तालियां बजाती रह जाती है. अपने घर की लकड़ी की दहलीज लांघकर इस मंच तक पहुंचने के लिए शीलू को कई जतन करने पड़े, ताने सहने पड़े. गांव और रिश्तेदार तो दूर घर के लोगों का विरोध झेलना पड़ा, (वीडियो में देखिए शीलू का संघर्ष) लेकिन अब शीलू हजारों लड़कियों की रोल मॉडल हैं.

(अापके आसपास कितने लोग होंगे जो चुपचाप एक नया सपना गढ़ रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं और उसे सच भी कर रहे हैं. हो सकता है, आप उन्हें जानते हों. हो सकता है, आप भी उनमें से एक हों. समाज के बनाए नियमों से परे जाकर, अगर आप भी लड़ रहे हैं अपने हक की लड़ाई और खींच रहे हैं एक नई लकीर तो हमें लिख भेजिए अपनी कहानी, myreport@thequint.com पर. हम दुनिया तक पहुंचाएंगे, आपकी कहानी. )

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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