Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019द नीलेश मिसरा शो:जब पापा की मौत के बाद छोटी डिंपी अचानक बड़ी हो गई

द नीलेश मिसरा शो:जब पापा की मौत के बाद छोटी डिंपी अचानक बड़ी हो गई

डिंपी को बचपन से ही बाॅक्सिंग में थी दिलचस्पी...

नीलेश मिसरा
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डिंपी तिवारी की किक आसपास की लड़कियों को हौसला देती है
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डिंपी तिवारी की किक आसपास की लड़कियों को हौसला देती है
(फोटो: द नीलेश मिसरा शो)

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हमारे हीरो हमारे आसपास रहते हैं, अपनी छोटी-छोटी लड़ाइयां लड़ते हुए, अपने लिए नए रास्ते बनाते हुए, दूसरों को नए रास्ते दिखाते हुए...पर अक्सर हम अपने आसपास रहने वाले उन हीरोज को नजरअंदाज कर देते हैं.

‘द नीलेश मिसरा शो’ ऐसे ही हीरोज को आपके सामने लेकर आ रहा है. इस शो के हर एपिसोड में उन लोगों की, उन मुद्दों की बात होगी, जो बदलते हुए भारत का आईना हैं, जो आने वाले कल की उम्मीद हैं. ऐसे अनसंग हीरो, वो आम से दिखने वाले लोग जो दुनिया में जज्बा भरते हैं. वो मुद्दे जो आपकी जिंदगी पर सीधा असर डालते हैं, वो कहानियां जो कही ही नहीं गईं, आपको सुनाएगा और दिखाएगा ये खास शो. देश के सबसे बड़े रुरल मीडिया प्लेटफार्म गांव कनेक्शन और क्विंट आपके लिए हर मंगलवार लेकर आएंगे ‘द नीलेश मिसरा शो’.

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'द नीलेश मिसरा शो' के पहले एपिसोड की एक स्टार हैं डिंपी तिवारी. गांवों और छोटे-छोटे कस्बों से निकली इस तीन लड़की ने समाज के बनाए नियमों को मानने से इनकार करके अपने लिए नए नियम बनाए.

डिंपी तिवारी

किक बॉक्सिंग में नेशनल लेवल पर गोल्ड समेत 5 मेडल और ताइक्वांडों में सिल्वर मेडल जीतने वाली ये लड़की रायबरेली जिले के छोटे से गांव से आती है. ऐसी कई लड़कियां और लड़के मिल जाएंगे, जो खेलों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन डिंपी तिवारी की कहानी कुछ अलग है. जिन हालातों से लड़कर वो प्ले ग्राउंड तक पहुंची है. अपने विरोधी खिलाड़ी को हराने से पहले उसने समाज को हराया, उसने उन रिश्तेदारों और दकियानूस लोगों को हराया है, जो लड़कियों को घर की चारदीवारी में बांधे रखने के हिमायती हैं. ये कहानी हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा है.

डिंपी तिवारी की किक आसपास की लड़कियों को हौसला देती है(फोटो: द नीलेश मिसरा शो)

डिंपी तिवारी के पिता सूर्य प्रताप तिवारी फौजी थे. ज्यादा शराब पीने की वजह से उनकी मौत हो गई. डिंपी उस वक्त सिर्फ 13 साल की थी. बड़ी बहन की शादी तय हो चुकी थी, लेकिन दहेज देने के लिए पैसे नहीं थे. ऐसे में बड़ी बहन की शादी और परिवार की जिम्मेदारी डिंपी पर आ गई. पड़ोस के स्कूल में लड़कों को किक बॉक्सिंग करते देखकर डिंपी को भी ये खेल सीखने की चाह हुई. रास्ता आसान नहीं था.

रिश्तेदार उसकी शादी करके अपने सिर का बोझ उतार लेना चाहते थे. लेकिन डिंपी ने न सिर्फ किक बॉक्सिंग करना जारी रखा, बल्कि घर की जिम्मेदारियां भी अपने ऊपर ले लीं. डिंपी ने आस-पास के स्कूलों में लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देना शुरू किया. साथ ही राष्ट्रीय खेलों में भी हिस्सा लेती रही. 

आज डिंपी नेशनल लेवल की किक बॉक्सिंग प्लेयर है और इंटरनेशनल मुकाबलों की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही वो सैकड़ों लड़कियों और पुलिस के सिपाहियों को सेल्फ डिफेंस, यानी आत्म रक्षा की ट्रेनिंग दे रही है.

(अापके आसपास कितने लोग होंगे जो चुपचाप एक नया सपना गढ़ रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे हैं और उसे सच भी कर रहे हैं. हो सकता है, आप उन्हें जानते हों. हो सकता है, आप भी उनमें से एक हों. समाज के बनाए नियमों से परे जाकर, अगर आप भी लड़ रहे हैं अपने हक की लड़ाई और खींच रहे हैं एक नई लकीर तो हमें लिख भेजिए अपनी कहानी, myreport@thequint.com पर. हम दुनिया तक पहुंचाएंगे, आपकी कहानी. )

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 03 Mar 2018,03:38 PM IST

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