Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कश्मीर: 8 सदस्यों वाले परिवार का ध्यान रखने वाली ‘रैबिट गर्ल’

कश्मीर: 8 सदस्यों वाले परिवार का ध्यान रखने वाली ‘रैबिट गर्ल’

6 साल पहले रुबीना को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी

क्विंट हिंदी
वीडियो
Updated:
6 साल पहले रुबीना को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी
i
6 साल पहले रुबीना को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

कैमरापर्सन: शफत हुसैन

वीडियो एडिटर: संदीप सुमन

प्रोड्यूसर: त्रिदिप के मंडल

ये कहानी है कश्मीर के पहलगाम में रहने वाली रुबीना की, आप उसे बर्फ पर एक खरगोश के साथ खड़ा देख सकते हैं. अपने 8 सदस्यों के परिवार में रुबीना अकेली कमाने वाली हैं. रुबीना के परिवार में उनकी मां, बीमार पिता और 5 भाई-बहन हैं. रुबीना खुद 10 साल की है और उनके दोस्त हैं खरगोश, रुबीना और खरगोश इस परिवार के हर छोटी बड़ी जरूरतें पूरी करते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

रुबीना, पहलगाम में टूरिस्ट को अपने खरगोश देकर उन्हें फोटो लेने के लिए देती हैं, जिसके बदले उसे पैसे मिलते हैं, और यही एक जरिया है जिससे उसका घर चलता है

मैं पिछले 4 साल से ये काम कर रही हूं, एक दिन में मुझे 300 रुपये तक मिल जाते हैं जिससे मेरे भाई-बहनों के पढ़ने का खर्च और पापा की दवाई का खर्च निकल आता है.
रुबीना

6 साल पहले रुबीना को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी, क्योंकि उनके पिता अब्दुल मजीद अवान को अस्थमा की शिकायत थी. अब्दुल बकरवाल समाज से हैं जिनका पुश्तैनी काम है भेड़ों का है, जिसके लिए उन्हें दूर दूर तक सफर करना पड़ता है. लेकिन अस्थमा के बाद अब्दुल ज्यादा चल नहीं सकते और न ही ज्यादा ऊंचाई पर जा सकते हैं, इसकी वजह से उन्हें अपने काम छोड़ना पड़ा.

मेरा पापा को सांस लेने में दिक्कत होती है, इसलिए वो भेड़ों के साथ चढ़ाई नहीं कर सकते. वो घोड़ा भी नहीं चला सकते, अगर वो ऐसे करते हैं तो उन्हें खांसी शुरू हो जाती है.
रुबीना

अवान परिवार पहलगाम के जंगलों में मिटटी से बने घर में रहता है, टूरिस्ट प्लेस होने के कारण यहां कई लोग आते हैं और रुबीना बर्ग में अपने खरगोश के साथ जाती हैं और टूरिस्ट को खरगोश को खिलाने के लिए और फोटो के लिए देती है, जिसके बदले उसे पैसे मिलते हैं. टूरिस्ट उसे पोज करने के 10-30 रुपये दे देते हैं. रुबीना करीब 200 से 300 रुपये कमा लेती है. लेकिन COVID-19 के कारण उसकी कमाई पर असर पड़ा है. रुबीना के परिवार को बेहतर दिनों का इंतजार है लेकिन तब तक उन्हें रुबीना और खरगोश पर ही निर्भर रहना पड़ रहा है.

मैं खुदा का शुक्रगुजार हूं कि मेरी बेटी है, मैं बाहर जाकर सड़कों पर भीख नहीं मांग रहा हूं
अब्दुल मजीद अवान, रुबीना के पिता

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 28 Feb 2021,08:22 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT