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नई दिल्ली से करीब डेढ़ घंटे का सफर तय कर द क्विंट की टीम रोरी गांव पहुंची. करीब 15 सालों तक भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके परमिंदर आर्या अब इस गांव में हिंदू नौजवानों को मिलिट्री ट्रेनिंग दे रहे हैं.
9 साल के बच्चों से लेकर 30 साल तक के नौजवान हर शाम दो घंटे की ट्रेनिंग लेने परमिंदर आर्या के घर पहुंचते हैं. इन हिंदू नौजवानों में कट्टरपंथी भावना पैदा की जा रही है ताकि वह इस्लामी आतंकी संगठन आईएसआईएस का मुकाबला कर सकें.
इस्लामी स्टेट की ओर से साल 2020 तक भारत पर कब्जा करने की धमकी के बाद इन हिंदू नौजवानों को आईएस का मुकाबला करने के लिए तैयार किया जा रहा है.
हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के अलावा परमिंदर आर्या इन बच्चों को हिंदू धर्म के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं.
परमिंदर आर्या की सहयोगी और हिंदू कार्यकर्ता चेतना शर्मा पेशे से वकील हैं. चेतना शर्मा का कहना है कि धर्म की जानकारी होना और आने वाले खतरे के लिए तैयार रहना बेहद जरूरी है. वह कहती हैं कि अगर हिंदुओं को आत्मरक्षा के गुर नहीं सिखाए जाएंगे तो वह आईएसआईएस के हाथों बेरहमी से मारे जाएंगे.
चेतना शर्मा अखण्ड हिंदुस्तान मोर्चा की जोनल कमिश्नर होने के साथ-साथ हिंदू स्वाभिमान संघ की सदस्य भी हैं. द क्विंट ने जब आर्या की देखरेख में तैयार किए जा रहे समूह के एक नौजवान से जानकारी चाही, तो चेतना शर्मा ने उसे कैमरे के लिए तैयार करते हुए कहा कि वह उसके शब्दों को दोहराए.
21 साल के युवा कुलदीप को कैमरे के लिए तैयार करने की जरूरत नहीं पड़ी. वह कॉलेज पूरा करने के बाद सरकार या फिर हिंदू संगठन के लिए काम करना चाहता है. उसका मानना है कि सभी मुस्लिम आतंकवादी होते हैं. कुलदीप पिछले दो सालों से ट्रेनिंग ले रहा है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंदू नौजवानों को इस तरह की ट्रेनिंग देने वाला रोरी अकेला गांव नहीं है. चेतना शर्मा ने द क्विंट को बताया कि, कई गांवों में हिंदू युवाओं को इस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है और परमिंदर आर्या की तरह कई लोग हिंदू नौजवानों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.
वाइल्ड वेस्ट ऑफ उत्तर प्रदेश के पार्ट 2 और पार्ट 3 में द क्विंट आपको इसी तरह के कई और ट्रेनिंग सेंटर्स के बारे में बताएगा. साथ ही यह भी बताएगा कि कितनी तेजी के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई दूसरे कट्टर हिंदूवादी संगठन पनप रहे हैं.
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