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पश्चिमी यूपी के धार्मिक दंबग के तीसरे एपिसोड में द क्विंट आपको दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले के एक गांव में लेकर जा रहा है. गाजियाबाद के बिमबेट्टा गांव में ओलंपिक में पहलवानी का सपना देखने वाले बच्चों और नौजवानों की भरमार है (यूपी के धार्मिक दबंग का पहला भाग और दूसरा भाग यहां देखें) ये नौजवान और बच्चे गांव के अखाड़े में ही ट्रेनिंग लेते हैं.
हिंदू स्वाभिमान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल यादव एक ऐसा ही कैंप चलाते हैं जहां नौजवान हिंदू लड़कों को ट्रेनिंग दी जाती है और उन्हें हथियार रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. अनिल यादव खुद एक बंदूक अपने पास रखते हैं और हमें गर्व के साथ दिखाते हैं कि कैसे ये बंदूक चलाई जाती है. अनिल दावा करते हैं कि उस बंदूक को रखने का लाइसेंस उनके पास है लेकिन साथ ही ये भी कहते हैं कि हथियारों के लाइसेंस को लेकर इस इलाके में कोई हाय-तौबा नहीं है. ट्रेनिंग के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है वो गैर-लाइसेंसी हैं.
चेतना शर्मा और अनिल यादव इस छोटी उम्र के गगन को कैमरे पर आने से पहले क्या बोलना है ये सिखाते हैं. गगन का दावा है कि वो 15 साल का है और हमारी लाख कोशिश के बाद भी वो हमें सिर्फ यही बताता है कि उसे जिंदगी में आगे बढ़ना है.
वहीं अनुज कहता है कि जब ISIS भारत पर हमला करेगा तो देश की रक्षा के लिए लड़ना उसका धर्म है.
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