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महाराष्ट्र का महाभारत अब आखिरी अध्याय की तरफ बढ़ रहा है. शिवसेना और बीजेपी के बीच लड़ाई और बढ़ गई है. पेंच ये है कि दोनों अब भी दावा कर रहे हैं कि हम सरकार बना लेंगे...लेकिन कैसे?
शुक्रवार को फडणवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और उसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवसेना पर जमकर तीर चलाए...उन्होंने कहा मैंने तो उद्धव को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने बात तक नहीं की...और ये कहां कि दोस्ती है कि हमसे बात न करके एनसीपी -कांग्रेस से बात कर रहे हैं.
इधर फडणवीस की फटकार आई और उसके तुरंत बाद शिवसेना की ललकार आ गई...उद्धव ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा - मैं हरियाणा का चौटाला नहीं, बाला साहेब का बेटा हूं, झूठ नहीं बोलता. और बीजेपी झूठ बोलना बंद करे. उद्धव ने तो यहां तक कह दिया कि उन्होंने गलत लोगों से गठबंधन कर लिया.
फडणवीस ने फिर भरोसा जताया कि महाराष्ट्र में बीजेपी की अगुवाई वाली ही सरकार बनेगी....सवाल है कैसे...क्या वो बीजेपी-एनसीपी के किसी नए गठबंधन की बात कर रहे हैं?..उधर शिवसेना ने भी कहा है कि अगर राज्यपाल उन्हें न्योता देते हैं तो वो सरकार बना लेगी...मगर कैसे...कांग्रेस के रुख को देखकर सूरत यही बनती है कि शिवसेना एनडीए से बाहर जाए और फिर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस सरकार बनाए.....ताजा अपडेट ये है कि कांग्रेस के नेता और संजय राउत शरद पवार के घर पहुंचे हैं..लेकिन बात नहीं बनी तो महाराष्ट्र राष्ट्रपति शासन की तरफ बढ़ता दिख रहा है.
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