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मंगलवार, 13 सितंबर को एक्टिविस्ट उमर खालिद (Umar Khalid) ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार हुए दो साल पूरे हो गए. वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं. दिल्ली पुलिस ने खालिद को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की 2020 में भारत यात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन पर देशद्रोह और भारतीय दंड संहिता (IPC) की 18 अन्य धाराओं के तहत भी आरोप लगाया, जिसमें हत्या और हत्या का प्रयास शामिल है.
उमर खालिद की गिरफ्तारी के ठीक दो साल बाद, उनकी मां सबीहा खानम ने दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उमर के लिए एकजुटता मीटिंग में द क्विंट से बात की. इस दौरान उन्होंने उमर खालिद के गिरफ्तार होने के बाद के समय और उमर के खिलाफ हुए अन्याय के बारे में बात की.
चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ उमर खालिद की मां ने कहा -
ये हुकूमत हर किस्म का जुल्म करके अपने खिलाफ उठने वाली तमाम आवाजों को दबाना चाह रही है. आप देख रहे हैं कि कहीं घर गिराए जा रहे है, तो कहीं बेगुनाह लोगों को सलाखों के पीछे डाला जा रहा है. लेकिन इन दो सालों में ऐसे हालात में उमर पूरी हिम्मत के साथ है और उसके साथ-साथ हम भी पूरी हिम्मत के साथ हैं.
उमर की मां ने कहा कि उमर से जब भी बात होती है वो कहते हैं कि मैं ठीक हूं. लेकिन वास्तव में मुझे पता है कि वो कितना ठीक है.
उन्होंने आगे यह भी बताया कि जब हम मिले हुए वक्त में बैठते हैं तो उमर अपनी बहनों के साथ जोक्स करता है. 15 मिनट का वक्त कब खत्म हो जाता है पता ही नहीं चलता लेकिन इससे हम रीफ्रेश महसूस करते हैं.
उमर की मां ने यह भी कहा कि अगर उमर अपना दुःख-दर्द बयां करते तो हमें भी तकलीफ होती, इसलिए वो अपने दर्द हमें नहीं बताता है, वो पूरी हिम्मत के साथ सामना कर रहा है.
उमर खालिद की मां और उनका परिवार लंबे वक्त से उनकी जमानत का इंतजार कर रहा है. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके पास उमर के लिए कोई मैसेज है, तो उन्होंने कहा ज़ुल्म की रात लम्बी नहीं होती, वोह सुबह जरूर आएगी.
जब उमर की मां से पूछा गया कि क्या आप उमर से जेल के अंदर की परेशानियों के बारे में बात करती हैं. इस पर उन्होंने कहा कि मैं उसे और परेशान नहीं करना चाहती.
उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि उमर के साथ जो भी हमारा वक्त गुजरे वो हंसी-खुशी वाला पल हो.
उमर की मां ने आगे कहा कि
उन्होंने उमर खालिद को कविता की कुछ पंक्तियां भी समर्पित कीं.
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