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बजट में देश की इकनॉमी से आपकी जेब तक,क्या है खास?राघव बहल से जानिए

बजट 2019 को राघव बहल के साथ कीजिए डिकोड

क्विंट हिंदी
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(फोटोः Arnica Kala/Quint Hindi)
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(फोटोः Arnica Kala/Quint Hindi)

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मोदी सरकार 2.0 ने संसद में अपना पहला बजट पेश किया. इस बजट का पूरा मतलब क्या है? देश के लिए, भविष्य के लिए, अर्थव्यवस्था के लिए और आम आदमी के लिए वाकई में ये बजट कैसा है? द क्विंट के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल ने ‘डिकोड बजट 2019’ पर वेबिनार में ऐसे ही तमाम गंभीर सवालों पर विस्तार से चर्चा की.

बैंकिंग के बुरे हाल को लेकर राघव बहल ने कहा कि इस मोर्चे पर सरकार से सबसे बड़ी चूक हुई है. उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकों के रीकैपिटलाइजेश और उन्हें रीफॉर्म किए जाने की जरूरत है. इन दोनों में से अगर एक भी काम छूटा तो निजी बैंकों की हालत में कोई सुधार नहीं हो सकता है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने बैंकों के बिना रीकैपिटलाइजेश और रीफॉर्म किए पिछले पांच सालों में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डालने के बाद इसमें अब 70 हजार करोड़ रुपये और डाल दिया है. बिजनेस में एक फंडामेंटल प्रिंसिपल होता है, जब आप किसी बड़े संकट से गुजर रहे होते हैं तो आपको उस संकट से उबरने के लिए एक बार में पूरे प्रयास झोंक देने चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस समस्या से निपटने के लिए नए रास्ते निकालती तो इस समस्या से एक या दो साल में निपटा जा सकता था. लेकिन सरकार बैंक रीकैपिटिलाइजेश बॉन्ड स्कीम ले आई, जो स्कीम 1991-92 में लाई गई थी. इस स्कीम को उस वक्त के आर्थिक संकट से निपटने के लिए तैयार किया गया था.

राघव बहल ने कहा कि बैंकों की दशा सुधारने के लिए सरकार बोल्ड और इनोवेटिव फैसला ले सकती थी. लेकिन सरकार इस समस्या से निपटने के लिए पुराने तौर तरीके अपना रही है.

'सुपर रिच' टैक्स को लेकर राघव बहल ने कहा कि जब टैक्स उचित दर से भी ज्यादा बढ़ जाते हैं तो यह भी देश के लिए नुकसानदेह ही है. उन्होंने कहा कि अचानक से सुपररिच टैक्स बढ़ाया गया है. बहल ने कहा, 'पिछले साल हमने देखा कि कई करोड़पति देश छोड़कर चले गए. अब टैक्स की दरों में अचानक उछाल से आने वाले वक्त में ऐसा और बढ़ सकता है.' उन्होंने कहा कि जब धनी लोग देश छोड़कर जाते हैं तो वे नेशनल वेल्थ को भी देश के बाहर ले जाते हैं.

बहल ने कहा कि देश को प्रोग्रेसिव टैक्स स्ट्रक्चर की जरूरत है. धनी लोगों को ज्यादा टैक्स चुकाना चाहिए, लेकिन इसकी दर उचित होनी चाहिए.

बजट 2019 को समझने के लिए देखिए ये वीडियो-

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नीचे दिए वीडियो में आप बजट 2019 पर निष्ठा गौतम और द क्विंट के एडिटर-इन-चीफ राघव बहल की चर्चा देख सकते हैं.

ये वेबिनार खास तौर पर द क्विंट के मेंबर्स के लिए यूट्यूब पर ब्रॉडकास्ट किया गया. इस वेबिनार में दर्शकों ने यूनियन बजट और भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को लेकर सवाल किए.  

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