Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019यूपी में एनकाउंटर पर सवाल, परिवार वाले मांग रहे हैं इंसाफ

यूपी में एनकाउंटर पर सवाल, परिवार वाले मांग रहे हैं इंसाफ

एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिवारवालों ने मानवाधिकार आयोग में गुहार लगाई है.

क्विंट हिंदी
वीडियो
Published:
यूपी में हुए एनकाउंटरों पर सवाल
i
यूपी में हुए एनकाउंटरों पर सवाल
(फोटो: PTI)

advertisement

रिपोर्ट: दरब मंसूल अली

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में अपराधियों से मुकाबले के लिए चौतरफा एनकाउंटर किए गए हैं. इन एनकाउंटरों में पिछले एक साल में 50 कथित अपराधी मार गिराए गए. लेकिन इन एनकाउंटरों पर सवाल भी उठे हैं. मारे गए लोगों के परिवारवालों ने इन एनकाउंटरों को लेकर मानवाधिकार आयोग में गुहार लगाई है.

कई एक्टिविस्ट का कहना है कि पुलिस की तरफ से किए गए ये एनकाउंटर फर्जी हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सिटिजंस अगेंस्ट हेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक,

  • मारे गए लोग समाज के पिछड़े और कमजोर तबकों से आते हैं
  • पुलिस की कहानी और सुबूतों में मेल नहीं
  • जांच की बुनियादी प्रक्रिया का उल्लंघन
  • एनकाउंटर के बाद 'अपराधियों' को मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में डाला

रिहाई मंच के कार्यकर्ता राजीव यादव के मुताबिक,

ये सरकार का डर कायम करने का तरीका है. मुनवादी सोच लादी जा रही है.

वहीं, एनकाउंटर में मारे गए कथित अपराधियों के परिवारवालों ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण भी शामिल थे.

एनकाउंटर में मारे गए शमशाद की पत्नी का आरोप है कि उनके पति का फर्जी एनकाउंटर किया गया है. वहीं, मंसूर के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने चोरी का आरोप लगाकर मंसूर का एनकाउंटर किया है.

घर पर कुछ लोग मंसूर को लेने आए थे. वो उन्हें जानते थे, लेकिन मंसूर ने जाने से इनकार कर दिया था. लेकिन वो जबरदस्ती ले गए. हमें सुबह पता चला कि उसका एनकाउंटर किया गया है. उसके ऊपर लूट का आरोप लगाया गया था और रातों-रात 25,000 रुपये का ईनाम भी घोषित कर दिया. पुलिस को भी पता था कि पिछले दो साल से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है.
वसीम, मंसूर का भाई

‘फर्जी एनकाउंटर में मरने वालों के परिजनों को 50 लाख दे सरकार’

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में अगर पुलिस मुठभेड़ के दौरान किसी बेगुनाह की जान चली जाती थी, तो सरकार उसके परिजनों को 50 लाख रुपये की मदद करती थी. उन्होंने कहा कि इस सरकार को भी फर्जी एनकाउंटर में जान गंवाने वालों के परिजनों को 50 रुपये की मदद करनी चाहिए.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT