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रिपोर्ट: दरब मंसूल अली
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में अपराधियों से मुकाबले के लिए चौतरफा एनकाउंटर किए गए हैं. इन एनकाउंटरों में पिछले एक साल में 50 कथित अपराधी मार गिराए गए. लेकिन इन एनकाउंटरों पर सवाल भी उठे हैं. मारे गए लोगों के परिवारवालों ने इन एनकाउंटरों को लेकर मानवाधिकार आयोग में गुहार लगाई है.
कई एक्टिविस्ट का कहना है कि पुलिस की तरफ से किए गए ये एनकाउंटर फर्जी हैं.
सिटिजंस अगेंस्ट हेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक,
रिहाई मंच के कार्यकर्ता राजीव यादव के मुताबिक,
वहीं, एनकाउंटर में मारे गए कथित अपराधियों के परिवारवालों ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण भी शामिल थे.
एनकाउंटर में मारे गए शमशाद की पत्नी का आरोप है कि उनके पति का फर्जी एनकाउंटर किया गया है. वहीं, मंसूर के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस ने चोरी का आरोप लगाकर मंसूर का एनकाउंटर किया है.
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में अगर पुलिस मुठभेड़ के दौरान किसी बेगुनाह की जान चली जाती थी, तो सरकार उसके परिजनों को 50 लाख रुपये की मदद करती थी. उन्होंने कहा कि इस सरकार को भी फर्जी एनकाउंटर में जान गंवाने वालों के परिजनों को 50 रुपये की मदद करनी चाहिए.
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