Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UPSC में मुसलमान सिर्फ 5%, हमारा लक्ष्य 15% तक ले जाना: जफर महमूद

UPSC में मुसलमान सिर्फ 5%, हमारा लक्ष्य 15% तक ले जाना: जफर महमूद

देश के प्रशासनिक ढांचे में मुसलमानों की नुमााइंदगी उनकी आबादी के हिसाब से कम है

नीरज गुप्ता & शादाब मोइज़ी
वीडियो
Updated:
सैयद जफर महमूद की संस्था जकात फाउंडेशन UPSC की तैयारी के लिए छात्रों को स्पॉन्सर करती है.
i
सैयद जफर महमूद की संस्था जकात फाउंडेशन UPSC की तैयारी के लिए छात्रों को स्पॉन्सर करती है.
(फोटो ग्राफिक्स: कनिष्क दांगी)

advertisement

2011 की जनगणना के मुताबिक मुसलमान देश की कुल आबादी का 14.2% हैं. लेकिन <b>UPSC</b> क्वालिफाई करने वालों में मुस्लिम पांच फीसदी से भी कम है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. हमारा लक्ष्य है कि आने वाले सालों में इसे बढ़ाकर 15% किया जाए.
सैयद जफर महमूद, अध्यक्ष, जकात फाउंडेशन
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इस साल UPSC क्वालीफाई करने वालों में 51 मुस्लिम उम्मीदवार हैं और उनमें से 26 जकात फाउंडेशन से हैं. UPSC की तैयारी के लिए जरूरतमंद छात्रों को स्पॉन्सर करने वाली इस संस्था के अध्यक्ष सैयद जफर महमूद ने क्विंट से खास बातचीत में कहा:

सरकार जो योजनाएं चलाती हैं उनमें बदलाव की जरूरत है. मसलन सरकार <b>UPSC</b> की तैयारी कर रहे अल्पसंख्यक छात्रों की मदद के लिए एनजीओ को आर्थिक मदद देती है लेकिन वो ये शर्त लगाती है कि कोच एनजीओ के अपने हों. जबकि होना ये चाहिए कि अल्पसंख्यक मंत्रालय छात्रों को अपनी मर्जी से बढ़िया कोचिंग लेने की आजादी दे. मदद के लिए दिए गए पैसे की मॉनिटरिंग हो सकती है.
सैयद जफर महमूद, अध्यक्ष, जकात फाउंडेशन

‘गवर्नेंस में बढ़े मुसलमानों की हिस्सेदारी’

1997 में बनी जकात फाउंडेशन यूं तो कई तरह के सामाजिक कार्य करती है लेकिन देश में मुस्लिमों की हालत पर साल 2006 में आई सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के बाद उसने UPSC की तैयारी में लगे छात्रों की मदद का फैसला किया.

सच्चर कमेटी रिपोर्ट में कहा गया था कि मुसलमानों के शैक्षिक और सामाजिक पिछड़ेपन की एक वजह ये भी है कि देश के प्रशासनिक ढांचे में उनकी हिस्सेदारी बेहद कम है.
जकात फाउंडेशन UPSC क्वालिफाई करने वाले अपने छात्रों को सम्मानित भी करती है.(फोटो: जकात फाउंडेशन वेबसाइट)
जकात फाउंडेशन छात्रों का चुनाव प्रवेश परीक्षा के जरिये करती है. चुने गए छात्र हालांकि जहां चाहें वहां कोचिंग ले सकते हैं लेकिन दिल्ली में उनके लिए बाकायदा हॉस्टल का इंतजाम भी है. दो साल तक उनकी महंगी ट्रेनिंग को स्पॉन्सर किया जाता है. UPSC की मेन्स परीक्षा क्वालिफाई करने वालों को इंटरव्यू की खास तैयारी भी करवाई जाती है.

हाल में आए UPSC के रिजल्ट के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा था कि इस साल कामयाब हुए उम्मीदवारों में अल्पसंख्यकों की संख्या सबसे ज्यादा है और ऐसा नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की वजह से मुमकिन हुआ है. जफर महमूद इसका खंडन करते हुए कहते हैं:

ऐसा कहना संविधान की भावना के खिलाफ होगा. UPSC पूरी तरह स्वायत्त और पारदर्शी संस्था है जहां योग्यता के बल पर छात्र कामयाब होते हैं. देश के माहौल का UPSC के रिजल्ट पर ना तो कभी असर हुआ है और ना होगा.
सैयद जफर महमूद, अध्यक्ष, जकात फाउंडेशन

जफर महमूद मानते हैं कि हालात में बेहतरी के लिए मुस्लिम समाज को खुद भी कोशिशें करनी होंगी. वो महान शायर अलामा इकबाल का हवाला देते हुए मुस्लिम समुदाय को संदेश देते हैं- अपनी दुनिया आप पैदा कर अगर जिंदों में है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 02 May 2018,06:15 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT