Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP में बिन ऑक्सीजन मौत से इनकार, डेटा या अपनी नाकामी छुपा रही सरकार?

UP में बिन ऑक्सीजन मौत से इनकार, डेटा या अपनी नाकामी छुपा रही सरकार?

UP में Corona से जिन 22915 मरीजों की मौत हुई उनमें से किसी के डेथ सर्टिफिकेट पर ऑक्सीजन की कमी से मौत का जिक्र नहीं.

शादाब मोइज़ी
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<div class="paragraphs"><p>UP में ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं? </p></div>
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UP में ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं?

(फोटो:क्विंट हिंदी)

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कोविड के दौरान ऑक्सीजन से कितनी मौत हुई? पता नहीं -केंद्र सरकार

निर्दय पलायन के कारण कितने मजदूरों की मौत हुई? पता नहीं -केंद्र सरकार

किसान प्रदर्शन के दौरान की मौत का डेटा नहीं -केंद्र सरकार

और अब.. "उत्तर प्रदेश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर में ऑक्‍सीजन की कमी से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई.."

आंकड़े छिपाने की ऐसी आदत लगी कि पहले श्मशान घाट में किला बंदी किया ताकि लाशों की कतार न दिखे. फिर बात नहीं बनी तो रेत में दबी लाशें पर से कपड़े नोच लिए और अब तो ये कह दिया कि ऑक्‍सीजन की कमी से किसी की मौत की कोई जानकारी ही नहीं है. इस बेरहमी पर हम, आप हर संवेदनशील इंसान पूछेगा जरूर, जनाब ऐसे कैसे?

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इसी साल अप्रैल महीने में देश ने तड़प, बेचैनी की तस्वीर देखी. लेकिन नहीं दिखी तो उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार को.

दरअसल, उत्तर प्रदेश में तीन दिन का शीतकालीन सत्र चल रहा था. जिसमें कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जानकारी मांगी. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने लिखित जवाब दिया कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत होने की सूचना नहीं मिली है.

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत होने पर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र यानी डेथ सर्टिफिकेट डॉक्टर से लिखकर आता है. उत्तर प्रदेश में अभी तक कोविड-19 के कारण जिन 22915 मरीजों की मौत हुई है उनमें से किसी के भी डेथ सर्टिफिकेट पर कहीं भी ऑक्सीजन की कमी से मौत का जिक्र नहीं है.

अब मंत्री साहब की मासूमियत कहें या फिर ‘जनता कर क्या लेगी? वोट तो एक 'नाम' पर मिल ही जाना है.. वाली सोच है…?

कोई मंत्री जी से ये तो पूछे कि क्या ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत पर डॉक्टर सर्टिफिकेट पर क्या लिखेगा? कोविड-19 से डेथ या ऑक्सीजन की कमी से मौत?

मोदी सरकार ने भी पहले कहा था- ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का आंकड़ा नहीं

राज्य तो राज्य केंद्र के पास भी ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का डेटा नहीं है.. अभी हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा (Loksabha) में बताया कि सिर्फ पंजाब में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण चार लोगों की मौत हुई है. इससे पहले जुलाई में मोदी सरकार ने भी कहा था कि हमारे पास कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों का आंकड़ा नहीं है..

हमने इससे पहले भी अपने शो जनाब ऐसे कैसे के एक एपिसोड ‘डेटालेस सरकार’ में आपको बताया था कि कैसे सरकार आंकड़ों का हेरफेर कर खुद को बेदाग बताने में लगी है. साल 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का वादा हो या लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों की रास्ते में मौत या फिर कोरोना से मरने वाले हेल्थ केयर स्टाफ. सरकार ने किसी का भी डेटा सामने नहीं रखा. दुखद ये है कि सरकार खुद को बेदाग बताने के चक्कर में ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोने वाले परिवारों को झूठा बता रही है, उनके जख्मों को फिर से ताजा कर रही है. इसीलिए शायद अदम गोंडवी ने कहा था-

तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है

मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है..

और हम हर झूठे दावों पर पूछते रहेंगे जनाब ऐसे कैसे?

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