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गुजरात विधानसभा चुनाव में पूरे देश की दिलचस्पी है. वजह है कि इसे 2019 के आम चुनाव के सेमीफाइनल जैसा माना जा रहा है. तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के बयान दे रहे हैं.
क्विंट ने गुजरात विधानसभा से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने की खास तैयारी की है. हम गुजरात की आम जनता से बात करके उसके मन की बात आप तक पहुंचा रहे हैं. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.
देखिए शराब से लेकर जीएसटी जैसे मुद्दों पर क्या है लोगों की राय?
कुमकुम कामिनी पवैया ट्रांसजेडर हैं. कुमकुम भी गुजरात विधानसभा चुनाव में वोट देना चाहती हैं, लेकिन वोट नहीं दे सकती, क्योंकि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं है.
कुमकुम का कहना है कि हर जगह पैसों से काम नहीं बनता है. सरकार के कुछ नियम हैं, वो आईडी मांगते हैं. और वो उन नियमों को मानती हैं.
38 साल की मीना एम पटेल सूरत में पशुपालन का व्यापार करती हैं. मीना का कहना है कि नेता दारू देकर बदले में उनसे वोट ले जाते हैं, लेकिन फिर पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं. उस दारू की वजह से कई लोगों की मौत हो गई है.
मीना का कहना है कि पुलिस प्रशासन इस मामले में कुछ नहीं करती है.
43 साल के गणेश जैन सूरत टेक्सटाइल मार्केट के डायरेक्टर हैं. जैन का कहना है कि जीएसटी से कपड़ा इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
गणेश जैन ने कहा कि व्यापारियों ने बीजेपी को पूरा सपोर्ट दिया, लेकिन फिर भी बीजेपी ने व्यापारियों के बारे में नहीं सोचा.
45 साल के हरिदास चुनेला गुजरात के वेरावल में मछुआरा हैं. हरिदास इस बार चुनाव में बीजेपी को वोट देना चाहते हैं, क्योंकि उन्हें बीजेपी से आगे बहुत उम्मीदें हैं. इसी के साथ ही उन्होंने अपनी कुछ मांगे भी रखी हैं.
हरिदास ने कहा कि जिस तरह किसानों को सब्सिडी मिलती है, उसी तरह उन्हें भी अपने धंधे में सब्सिडी मिलनी चाहिए.
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