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गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है. इसे देखते हुए तमाम राजनीतिक पार्टियां जनता को लुभाने की कोशिश में लगी हैं.
क्विंट ने गुजरात विधानसभा से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने की खास तैयारी की है. हम गुजरात की आम जनता से बात करके उसके मन की बात आप तक पहुंचा रहे हैं. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.
देखिए विकास से लेकर देसी शराब जैसे मुद्दों पर क्या है लोगों की राय?
38 साल की रंजनबेन पटेल गुजरात के सूरत में पशुपालन करती हैं. रंजनबेन ने प्रदेश में देसी शराब का मुद्दा उठाया है.
रंजनबेन पटेल का कहना है कि देसी शराब पीने से लोगों के हेल्थ बहुत खराब असर होता है. देसी शराब की कीमत कम होती है, इसलिए लोग इसे ही पीते हैं.
रंजनबेन ने कई बार पुलिस में इस बारे में शिकायत भी की, लेकिन उनका कहना है कि पुलिस कुछ नहीं करती है.
40 साल की निधि पटेल हाउसवाइफ हैं. निधि ने कहा कि उन्होंने विकास के नाम बहुत सहा है, इसलिए वो इस बार विकास को वोट नहीं देंगी.
निधि का कहना है कि नोटबंदी की वजह से बहुत सारे सामान महंगे हो गए हैं. दिवाली पर सामान इस बार पहले से काफी महंगे थे.
30 साल की जिया कुवर (ट्रांसजेडर) सूरत की मतदाता हैं. जिया कहती हैं कि वो इस बार चुनाव में मोदी सरकार को ही वोट देंगी. उनका मानना है कि मोदी सरकार ने देश के लिए बहुत कुछ किया हैं और आगे भी करते रहेंगे. हालांकि उन्होंने मोदी सरकार से एक निवेदन भी किया है:
61 साल के नवीन भाई का सूरत में टेक्सटाइल बिजनेस है. नवीन ने कहा, ''नोटबंदी और जीएसटी से लोग परेशान हैं, लेकिन फिर भी उनके पास बीजेपी को वोट देने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.''
नवीन भाई ने मोदी सरकार की योजनाओं से परेशानी होने की बात भी कही, साथ ही इस बार चुनाव में उन्हीं को वोट देने का जिक्र भी किया.
आकृति एक ट्रांसजेंडर है. जो लक्ष्य ट्रस्ट नाम के एक संगठन में प्रोजेक्ट मैनेजर हैं.
आकृति ने सरकारी अस्पतालों का भी मुद्दा उठाया है. उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है.
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