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गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में 9 और 14 दिसंबर को होने हैं. सभी राजनीतिक दल चुनावी वादे करने में जुटे हैं और जनता इस चुनाव में अपने मुद्दों पर वोट करने को तैयार है. ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने के लिए क्विंट हिंदी ने खास तैयारी की है. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बताती है अपने मुद्दे.
क्विंट हिंदी, गुजरात के कोने-कोने में लोगों से मिलकर उनकी आवाज आप तक पहुंचा रहा है. तो देखिए- आरक्षण से लेकर उच्च शिक्षा जैसे मुद्दों पर क्या है लोगों की राय?
45 साल की विपुला पटेल गुजरात के सूरत में रहती हैं. उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हुई है. विपुला का मानना है कि गुजरात में कांग्रेस की सरकार में इतना विकास नहीं हुआ, जितना बीजेपी सरकार के आने के बाद हुआ है.
विपुला ने गुजरात में पाटीदार समुदाय के आरक्षण मांग पर भी अपनी बात रखी.
53 साल के सुरेश दायमा सूरत में व्यापारी हैं. सुरेश को बीजेपी सरकार से जीएसटी को लेकर शिकायत है. उनका कहना है कि सरकार व्यापारियों को सपोर्ट नहीं कर रही है.
सुरेश दायमा ने ये भी कहा कि वो लोग पीएम मोदी के सपोर्ट में हैं. लेकिन शायद उनकी टीम लोगों को नाराज कर रही है.
26 साल की आरती रोहन गुजरात के मोरबी की मतदाता हैं और साइंस कॉलेज में प्रोफेसर हैं. उनका मानना है कि शिक्षित समाज ही देश को आगे ले जा सकता है. लेकिन कॉलेज की ज्यादा फीस होने की वजह से लड़कियां पढ़ नहीं पातीं.
आरती रोहन ने कहा, अगर सरकार कोई ऐसी योजना लागू करे, जिससे गरीब बच्चा भी अच्छी शिक्षा हासिल कर सके, तो देश विकासशील नहीं, विकसित कहलाएगा.
42 साल के दिलीप अहीर सूरत में पिछले 15 सालों से टेक्सटाइल इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. उनका कहना है कि वो सिर्फ बीजेपी को ही वोट देंगे, किसी और को वोट नहीं दे सकते.
दिलीप अहीर ने ये भी कहा कि पहले दंगा वगैरह बहुत होते थे, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.
40 साल की संगीता पटेल गुजरात यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. उनका मानना है कि गुजरात की जनता बीजेपी के पक्ष में हैं.
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