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गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. सभी राजनीतिक दल चुनावी वादे करने में जुटे हैं और जनता इस चुनाव में अपने मुद्दों पर वोट करने को तैयार है. ऐसे में गुजरात विधानसभा चुनाव से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने के लिए क्विंट हिंदी ने खास तैयारी की है. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता खुद बताएगी अपने मुद्दे.
‘क्विंट हिंदी’ गुजरात के कोने-कोने में लोगों से मिलकर उनकी आवाज आप तक पहुंचाएगा. तो देखिए- शराबबंदी से लेकर जीएसटी जैसे मुद्दों पर क्या है इन पांच लोगों की राय?
गुजरात के गांधीनगर में रहने वाली हाउसवाइफ सोनल चावला का कहना है कि राज्य में 100 फीसदी शराबबंदी लागू करवाने में पुलिस फेल रही है. उन्होंने कहा, ''गुजरात में शराब का अवैध व्यापार होता है, जो राज्य के विकास को रोक रहा है.’
सोनल चावला ने ये भी कहा, इस अवैध शराब के व्यापार से पुलिस या रूलिंग पार्टी को बहुत सारा मुनाफा होता होगा. इसलिए अवैध शराब का व्यापार होता है.
गुजरात के गांधीनगर में मोबाइल स्टोर पर जॉब करने वाले सुथर अश्विन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से बहुत खुश हैं. उन्होंने कहा, 'मोदी जी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. गांधीनगर में सड़कें पहले से बहुत अच्छी हो गईं हैं. बारिश के दिनों में अब दिक्कत नहीं होती है.''
बता दें, हाल ही में गुजरात सरकार ने स्कूल फीस के लिए नए नियम लागू किए हैं. सभी प्राइवेट स्कूलों के लिए फीस की सीमा तय कर दी गई है. प्राइमरी स्कूलों के लिए 15,000 रुपये, सेकेंड्री स्कूलों के लिए 25,000 रुपये और हाइयर सेकेंडरी स्कूलों के लिए 27,000 रुपये अधिकतम सालाना फीस रखी है.
जाकिर मोहम्मद इस्लाइल गुजरात के अहमदाबाद में ऑटो रिक्शा चलाते हैं. उन्होंने EVM मशीनों से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, ''ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ कर पार्टियां जीत जाती हैं. इसलिए मशीन बिल्कुल सही होना चाहिए."
नेताओं से नाराज ऑटो रिक्शा ड्राइवर का कहना है कि जीतने के बाद हर कोई अपने लिए और अपने मिलने वालों के लिए काम करते हैं, जनता की चिंता किसी को भी नहीं है.
43 साल के कांतिभाई पटेल का गुजरात के गांधीनगर में जनरल स्टोर है. उनका कहना है कि एक महीने में जीएसटी के चार रिटर्न फाइल करना है. व्यापारी के लिए ये बहुत मुश्किल है.
कांतिभाई ने कहा, नेता बोलते हैं कि भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है, लेकिन हर दिन कोई न कोई मुद्दा आ ही जाता है.
20 साल की निशि गुजरात के राजकोट में पीडीपीयू की छात्रा हैं. निशि का कहना है कि सरकार ने नोटबंदी से होने वाले फायदे या नुकसान के सही आंकड़ें जनता के सामने नहीं रखें. सरकार की तरफ से दावा किया गया कि भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा, ब्लैक मनी बाहर आ जाएगी. लेकिन कोई ठोस बात नहीं कही गई.
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