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वीडियो एडिटर: अभिषेक वर्मा
9 नवंबर को भारत-पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन हो गया. गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर इस कॉरिडोर का रास्ता आम लोगों के लिए खोल दिया गया. इसके साथ ही श्रद्धालुओं के लिए 72 साल का इंतजार खत्म हुआ.
करतारपुर कॉरिडोर के इसी उद्घाटन के मौके पर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा क्विंट और इस ऐतिहासिक पल का गवाह बना.
हमने श्रद्धालुओं से बात की और जाना कि आखिर वो इस पवित्र स्थान पर आकर क्या महसूस कर रहे हैं?
50 साल से पेरिस में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस चला रहे शिंगार सिंह मान ने डेढ़ महीना पहले ‘जर्नी फॉर करतारपुर’ की शुरुआत की थी. कनाडा से इंग्लैंड और यूरोप घूमते हुए 21,000 किमी का सफर तय करके पाकिस्तान पहुंचे मान कहते हैं :
अमेरिका के कैलिफोर्निया में नौकरी करने वाली मीनू कोचर कहती हैं :
करतारपुर साहिब दर्शन को पहुंचे कई युवाओं के लिए ये अपनी जड़ों को जानने और करीब से जुड़ने का मौका था.
कैलिफोर्निया में डॉक्टरेट कर रहे अमरजोतपाल सिंह संधू कहते हैं:
बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर पंजाब स्थित डेरा बाबा नानक को करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ता है. इससे पहले लोगों को वीजा लेकर लाहौर के रास्ते दरबार साहिब जाना पड़ता था, जो एक लंबा रास्ता था.
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