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वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम
कैमरापर्सन: श्रव्य एमजी और सुमित बडोला
आंध्र प्रदेश में बस चलाने के बाद 1990 के आखिरी सालों में इंद्रजीत सिंह दिल्ली चले आए. उम्मीदों से भरे हुए. यहां ऑटो चलाने लगे, ये सोचकर कि तरक्की का चक्का सही दिशा में घूमने लगेगा. जिंदगी आसान थी और सिंह हर महीने करीब 3 हजार कमा लेते थे जो उस दौर के हिसाब से एक ठीक-ठाक रकम थी.
आज, 65 साल की उम्र में भी इंद्रजीत के ऑटो के हैंडल पर हैं. पूछिए क्यों तो जवाब मिलता है, “बैंक में कोई पैसा नहीं है, साहब”
सिंह दिल्ली के उन तमाम ऑटो ड्राइवर्स में से हैं जो कई बार मीटर से चलने से इनकार कर देते हैं. और जब कभी ऐसा होता है दिल्ली की बदनाम लड़ाई शुरू हो जाती है यानी यात्री और ऑटो ड्राइवर के बीच.
सिंह दिल्ली में कई ऑटो ड्राइवरों में से हैं, जो कई बार मीटर से जाने से इनकार कर देते हैं, ये कई बार बहस का मुद्दा बना है और दिल्लीवासियों को इससे काफी परेशानी होती है.
कनॅाट प्लेस से बंगला साहिब जाने के लिए हमने 10 आॅटोवालों से पूछा. उनमें से 7 ने मीटर रेटिंग पर चलने से इनकार कर दिया और 40 रुपए किराया मांगा.
हमने अंत में एक आॅटो किया. आॅटो ड्राइवर शिव से बात की जिसने बताया, कनॅाट प्लेस से बंगला साहिब जाने में परेशानी नहीं है लेकिन वहां से लौटते वक्त पैसेंजर के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है, इसलिए आॅटो ड्राइवर डबल किराया मांगते हैं.
उसकी बात को जांचने के लिए हमने गुरुद्वारे के पास 10 मिनट इंतजार किया और वहां हमें कोई भी पैसेंजर नहीं दिखा.
हमने कनॉट प्लेस से लाल किला जाने के लिए भी आॅटो किया. कमोबेश वैसी ही बातें वहां भी सुनने को मिली.
दिल्ली में, पिछले पांच सालों में ऑटो किराया में बढ़ोतरी नहीं हुई है. इसका मतलब है कि 2013 से ऑटो किराया पहले दो किलोमीटर तक के लिए 25 रुपये और उसके बाद 8 रुपये प्रति किलोमीटर ही रहा.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली में ऑटो किराया बढ़ाने का वादा किया. उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में ट्रांसपोर्ट अथाॅरिटी के आॅफिस में सरप्राइज विजिट के दौरान परेशान ऑटो ड्राइवरों से बात करने के बाद केजरीवाल ने ये वादा किया. आॅटो ड्राइवर्स का कहना है कि मामूली बदलाव से कुछ नहीं हो सकता और वो वेटिंग चार्ज में भी बदलाव की मांग कर रहे हैं.
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