Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019किसान आंदोलन:‘हमें वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोलों से डर नहीं लगता’

किसान आंदोलन:‘हमें वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोलों से डर नहीं लगता’

किसान आंदोलन में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं

हिमांशी दहिया
वीडियो
Published:
किसान आंदोलन में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं
i
किसान आंदोलन में काफी संख्या में महिलाएं शामिल हो रही हैं
(फ़ोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

वीडियो एडिटर: पूर्णेन्दु प्रीतम

तीन कृषि बिल के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन जारी है. इन प्रदर्शनों में महिलाएं भी काफी संख्या में हिस्सा ले रही हैं. घर परिवार छोड़कर इस आंदोलन में शामिल महिलाओं से क्विंट ने जानना चाहा कि उन्हें किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वो कब तक इस आंदोलन में डटे रहेंगी.

प्रदर्शन में शामिल हरदीप ने कहा कि हमें यहां बैठने में कोई परेशानी नहीं है. हमें यहां कोई दिक्कत नहीं आ रही है. अगर कोई दिक्कत है तो काले कृषि कानूनों से है. अगर ये कानून वो वापस नहीं लेते हैं तो हम भी घर नहीं जाएंगे. चाहे एक साल हो या दो, हम यहां से नहीं हिलेंगे.

मैं खुद किसान हूं. मेरी 10 एकड़ जमीन है. मेरे दो बेटे प्रदर्शन में शामिल हैं. एक घर पर सभी चीजों का ध्यान रख रहा है.
हरदीप

नीलम का कहना है कि जब तक मोदी सरकार अपने काले कानूनों को वापस नहीं लेती, हम यहां से हिलने वाले नहीं हैं. महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन ये अनुभव पूरे जीवन के लिए है. जब हमारी जीत होगी, तब हम घर पर रह रही महिलाओं को बताएंगे कि क्या-क्या हुआ, कैसे हुआ और हम कैसे जीते.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हरदीप कहती हैं कि वो (सरकार) आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. वॉटर कैनन चला रहे हैं लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि मुझे तैरना आता है. हम सतलुज में सीखे हैं और जो सतलुज के पास भी रहता है, उसे इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.

मैं किसान हूं, मेरी अपनी जमीन है. हमने फिलहाल हरी-सोहनी फसल लगाई है. हम गेहूं भी लगाते हैं, फिर चावल की भी खेती करते हैं और सब्जियां भी लगाते हैं. सब्जी लगाने से हमारे पूरे साल का काम चल जाता है.
हरिंदर, प्रदर्शनकारी

हरिंदर कौर आगे कहती हैं कि मैं मानती हूं कि किसानी ज्यादा पुरुष करते हैं. पानी से ट्रैक्टर, सभी चीजें करते हैं लेकिन महिलाओं का योगदान किसानी में ज्यादा है. अगर हम काम नहीं बांटे तो बहुत मुश्किल होती है. हम घर के अंदर और बाहर दोनों काम संभालती हैं. हमें अब बाहर निकल कर पुरुषों का साथ देने में कोई दिक्कत नहीं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT