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वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
कैमरा: शिव कुमार मौर्य
व्रत कभी न कभी तो रखा ही होगा आपने? नहीं? या हां? अगर हां, तो भई कैसा था एक्सपीरियंस? क्या अपने मन से रखा था या किसी के दबाव में?
अरे रे रे, गुस्सा मत होइए भाई, हम व्रत की प्रथा को गलत नहीं कह रहे, लेकिन हम इसे जबरन किसी पर थोपे जाने के समर्थन में भी नहीं हैं.
दरअसल हम तो कुछ कह ही नहीं रहे, लेकिन ये महिलाएं चुप नहीं रहने वाली. और क्यों रहें भला? सदियों से व्रत का परचा इन्हीं के नाम तो कट रहा है, तो इनका बेबाक बोलना तो लाजमी ही है.
तो देवियों और खास तौर से सज्जनों! पेश है क्विंट हिंदी की सशक्त महिलाओं के बेबाक और बिंदास बोल...
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