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प्रकृति संरक्षण का काम करने वाले मोहम्मद दिलावर को बचपन से ही नन्ही चिड़िया ‘गौरैया’ बहुत पसंद है. लेकिन इस छोटे पक्षी की संख्या में बहुत तेजी से गिरावट आई है. इस बारे में जब दिलावर बात करते हैं, तो वह अपने इको-सिस्टम को ही इसका दोषी मानते हैं और बताते हैं कि कैसे खराब होते पारिस्थितिकी तंत्र ने गौरैयाओं की संख्या में चिंताजनक गिरावट दर्ज करवाई है.
इसी कारण से दिलावर ने गौरैयाओं को बचाने के लिए कुछ अहम कदम उठाए हैं. मसलन, इस मुद्दे पर प्रकाश डालने के लिए अब से 10 साल पहले उन्होंने ‘विश्व गौरैया दिवस’ मनाना शुरू किया, जिसके जरिए लोगों को उनके इको-सिस्टम के बारे में जागरूक करना उनका पहला टार्गेट था.
इस ‘विश्व गौरैया दिवस’ के मौके पर हमने मोहम्मद दिलावर से बात की और पता किया कि क्यों इस दिन की अहमियत समझना महत्वपूर्ण है.
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