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एक बात बताइए, क्या भारत में आदाब कहने वाले की आस्था या धर्म, नमस्कार और प्रणाम कहने वालों से ज्यादा वैल्यू रखती है? ज्यादा महत्व रखती है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये बयान पढ़िए-
अब सवाल है कि जब किसी भी धर्म के गुरुओं, देवी-देवताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है तो फिर पैगंबर मुहम्मद साहब के खिलाफ लगातार अभद्र बयान, मुसलमानों को खत्म करने के लिए लोगों को उकसाने वाला दीपक त्यागी यानी यति नरसिंहानंद अबतक जेल में क्यों नहीं है?
इस आर्टिकल में हम आपको यति नरसिंहानंद के 'पाप' की कुंडली बताएंगे, और ये भी बताएंगे कि कौन है जो नरसिंहानंद को बचा रहा है?
एक अपील
अब आपको ले चलते हैं.. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद..
तारीख थी 29 सितंबर 2024.. लोहिया नगर में हिंदी भवन में अमर बलिदानी मेजर आसाराम व्याग सेवा संस्थान के नाम से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. यति नरसिंहानंद ने भाषण दिया.
वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ. मुस्लिम समाज के लोग नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देश के अलग-अलग हिस्से में सड़कों पर उतरे. कई जगह हिंसा की खबरें आई, पत्थरबाजी, तोड़फोड़ और पुलिस के लाठी चार्ज की खबरें आईं. नरसिंहानंद के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले कई लोगों पर हिंसा के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई, कई हिरासत में लिए गए.
सवाल वही है कि लोगों के विरोध प्रदर्शन की नौबत क्यों आई? क्यों नहीं नरसिंहानंद के भड़काऊ बयानों पर लगाम लगाया गया?
हालांकि इस बार गाजियाबाद के सिहानीगेट थाने के पुलिस अधिकारी त्रिवेन्द्र सिंह की शिकायत पर महंत नरसिंहानंद के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा वेव सिटी थाना, नामपल्ली हैदराबाद, महाराष्ट्र के अमरावती, ठाणे में भी यति नरसिंहानंद के खिलाफ धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, और सद्भाव के रखरखाव के लिए प्रतिकूल कार्य करना), 197 (राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप और दावे), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, अपमान करने के इरादे से किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक मान्यताओं का अपमान करके) और 302 (जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए शब्द बोलना), जैसी धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है..
सिहानी गेट पुलिस थाने के एसएचओ से जब बात की तो उन्होंने कहा,
सवाल यही है कि जो यूपी पुलिस बात-बात पर आरोप लगने भर से एनकाउंटर करने निकल जाती है, जो यूपी पुलिस नफरती भाषण के खिलाफ बोलने वाले पत्रकार पर एफआईआर पर एफआईआर दर्ज करती है, जो यूपी पुलिस नफरती भाषण का झूठा केस बनाकर डॉक्टर कफील को गैर कानूनी तरीके 7 महीने एनएसए लगा कर जेल में रखती है, उसे आदतन हिंसक बयान देने वाले यति नरसिंहानंद के खिलाफ एक्शन लेने से कौन रोक रहा है?
मैंने आर्टिकल के शुरुआत सवाल पूछा था कि क्या किसी एक की आस्था दूसरे की धार्मिक भावनाओं से ऊपर है? अगर नहीं तो कई सालों से लगातार नरसिंहानंद के भड़काऊ बयानों के वीडियो सामने आ रहे हैं, फिर भी कोई ठोस एक्शन नहीं.
अब आपको नरसिंहानंद की पुराने बयानों की कुंडली बताते हैं.
साल 2015 में क्विंट ने एक डॉक्यूमेंट्री, द वाइल्ड वेस्ट ऑफ उत्तर प्रदेश: राइज ऑफ द हिंदू फ्रिंज के लिए पहली बार नरसिंहानंद से मुलाकात की थी. तब उस इंटरव्यू में नरसिंहानंद ने अपने इस्लामोफोबिक सोच को जाहिर किया था. तब एक्शन हुआ होता तो 9 साल बाद शायद समाज को बांटने की हिम्मत नहीं होती.
जून 2021: नरसिंहानंद ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने की बात पुलिस के सामने स्वीकार की थी. जब लोगों ने विरोध किया तब दिल्ली पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया और आईपीसी की धारा 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कृत्य) के तहत एफआईआर दर्ज की थी. लेकिन तब भी कई महीनों तक पुलिस ने यति को गिरफ्तार नहीं किया.
17 दिसंबर 2021-जगह हरिद्वार: धर्म संसद में यति नरसिंहानंद ने कहा,
फिर सोशल मीडिया से लेकर सड़कों पर विरोध शुरू हुआ तब जाकर उत्तराखंड में यति नरसिंहानंद पर दो धाराओं 153-ए ( समुदायों के बीच धर्म, भाषा आदि के आधार पर दुश्मनी फैलाना) और 295-ए यानी धार्मिक भावनाओं को आहत करना या उसकी कोशिश करने को लेकर केस दर्ज हुआ. गिरफ्तारी हुई.. फिर बेल मिल गई.
बहुत लोगों को लगेगा कि ये तो मुसलमानों के खिलाफ.. तो सुनिए यति नरसिंहानंद ने महिलाओं के लिए क्या अभद्र शब्द बोले हैं..
अगस्त 2021 में इस बयान को लेकर FIR दर्ज हुई और गिरफ्तारी भी.. लेकिन फिर बेल मिल गई.. और फिर से भड़काऊ बयान का धंधा शुरू..
3 अप्रैल 2023: दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में आयोजित एक हिंदू महापंचायत में फिर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने भड़काऊ भाषण दिया. दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया. लेकिन कुछ नहीं बदला.
साल 2023 में यति का एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अभद्र टिप्पणी की जा रही थी. गाजियाबाद पुलिस ने इसपर संज्ञान लेते हुए यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ थाना वेव सिटी में धारा 295 ए 505 (1) C और 67 आईटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया.
लिस्ट बहुत लंबी है.. दिल्ली से लेकर यूपी और उत्तराखंड में कई हिंसक बयान दिए. लोगों से हथियार उठाने से लेकर अदालत के खिलाफ अपशब्द और यहां तक कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद भी पुलिस का कड़ा एक्शन न लेना सवाल खड़ा करता है.
तब यति नरसिंहानंद ने योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा था, "रावण से बड़ा नहीं हैं सीएम योगी, सत्ता किसी की हमेशा नहीं रहने वाली है."
अब सवाल है कि यति नरसिंहानंद को कौन बचा रहा है? क्या धर्म देखकर एनएसए, यूएपीए लगता है? इसलिए देश पूछ रहा है जनाब ऐसे कैसे?
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