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मैं एक शादीशुदा डॉक्टर हूं और कर्नाटक के ग्रामीण जिले में प्रोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंसी कर कर रही हूं. मैं मेडिकल कॉलेज के पास ही हॉस्टल के बाहर एक फ्लैट में रहती थी. मेरी मां मेरे साथ रहती थीं. मेरा पीछा करने का सिलसिला पहली जनवरी से शुरू हुआ, जब मैंने ध्यान दिया कि एक तगड़ा लड़का बाइक से मेरा पीछा कर रहा है.
काफी दूर तक मेरा पीछा करने के बाद उसने मेरी कार को रोकने की कोशिश की. उस वक्त मुझे लगा कि कहीं मेरी कार या मेरी ड्राइविंग में कुछ दिक्कत तो नहीं है, क्योंकि तब मैंने नई—नई गाड़ी चलानी सीखी थी.
वह बेधड़क मेरे पास आया और मेरा फोन नंबर मांगने लगा. मैंने तुरंत ही अपनी कार का शीशा बंद किया और वहां से निकल गई. वह करीब दो हफ्ते तक रोजाना मेरा पीछा करता रहा. मैंने रास्ता बदलने की कोशिश की लेकिन वह घटिया आदमी मेरा पीछा करने के लिए एक कॉमन लेन पर मेरा इंतजार करता रहता था.
कभी-कभी मुझे अपने पापा को साथ चलने के लिए कहना पड़ता था. आखिरकार तीन हफ्तों तक लगातार पीछा करने के बाद यह सिलसिला खत्म हुआ.
घर के रास्ते में रेलवे सिग्नल पर वह मेरी कार का इंतजार कर रहा था। इस बार मैंने उस लड़के पर ध्यान ही नहीं दिया. यहां तक कि जब उसने मेरी कार के शीशे को खटखटाया तो भी मैंने उसकी तरफ नहीं देखा.
कभी-कभी मैं महसूस करती हूं कि ऐसे लोगों को बस नजरअंदाज करके और कोई महत्व न देकर रोका जा सकता है! मैं बहुत खुश थी कि यह सब खत्म हो गया लेकिन मैं यह कभी नहीं चाहती हूं कि उस दौरान जिस तरह की मानसिक परेशानी, दर्द और गुस्से का मैंने अनुभव किया, वैसा किसी और को हो.
ये स्टोरी पहली बार TheQuint पर छापी गई थी
(#TalkingStalking: क्या आपका कभी किसी ने पीछा किया है? अपने साथ हुई छेड़छाड़ के अनुभव को क्विंट के साथ शेयर करें और दूसरों से भी चुप्पी तोड़ने के लिए कहें अपनी कहानी. editor@thequint.com पर या WhatsApp @ +919999008335 पर हमसे संपर्क करें)
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