मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019 सिर्फ टिकटॉक जैसी ऐप पर बैन से नहीं बनेगी बात,चीन से और भी खतरे  

सिर्फ टिकटॉक जैसी ऐप पर बैन से नहीं बनेगी बात,चीन से और भी खतरे  

राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक,यूसी ब्राउजर जैसे 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया गया है

संजय पुगलिया
नजरिया
Updated:
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक,यूसी ब्राउजर जैसे 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया गया है
i
राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक,यूसी ब्राउजर जैसे 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया गया है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

टिकटॉक दरअसल एक राजनीतिक हथियार है. इसकी ताकत अमेरिका में 20 जून को दिखी जब अमेरिका के लड़कों ने टिकटॉक के जरिए डोनाल्ड ट्रंप की पहली चुनावी रैली को फ्लॉप करा दिया जो टुलसा में हुई थी.  दरअसल इसे एक सोशल कम्युनिटी ऐप के रूप में देखा जाता है, जबकि सच्चाई यह है कि ये एक जासूसी एप्प स्पाईवेयर है.

अभी पिछले हफ्ते ही खबर आयी थी कि टिकटॉक ने भारतीय आईफोन यूजर्स की जासूसी की. iPhone के यूजर जब iOS 14 का बीटा वर्सन टेस्ट कर रहे थे, तब टिकटॉक ने फोन में जासूसी की, वो भी बेहद बारीक.  यूजर फोन पर जो भी लिख रहे थे, साधारण टेक्स्ट हो या पासवर्ड, उसे टिकटॉक कैप्चर करके अपने सर्वर पर डाल रहा था.   

जब ये बात सामने आई तब टिकटॉक की मालिक कंपनी बाइटडान्स ने इसे एक बग बताया और इसका दोष गूगल के पुराने सॉफ्टवेयर पर डाल दिया था.पिछले दिनों इस तरह की कई रिसर्च रिपोर्ट आईं जो बताती है कि टिकटॉक भारत के ज्यादातर iPhone की जासूसी कर चुका है.

(Gfx- क्विंट)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

टिकटॉक और UC ब्राउजर के अलावा शेयरइट तीसरा सबसे बड़ा एप्प है. दरअसल भारत सरकार की कई एजेंसियों ने समय-समय पर यह सिफारिश की थी कि इन एप्स को बंद किया जाए. जून के पहले हफ्ते में ऐसे 42 एप्प की एक सूची भी बनायी गई थी, लेकिन इस पर एक्शन अब हुआ है.
सरकार ने अभी जिन पर रोक लगाई है, वो सब ज्यादातर सोशल मीडिया कमोडिटी प्लेटफॉर्म या वीडियो प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन इसके अलावा और भी कई बड़ी टेक कंपनियां हैं, जिनमें भारी चीनी निवेश है.

(Graphics: Quint Hindi)

इनके पास जो भी डेटा है, वो इन्हीं चीनी कंपनियों की संपत्ति है. पेटीएम और जोमेटो ऐसी ही बड़ी कंपनियों में से है. पेटीएम में अलीबाबा का करीब 40 पर्सेंट का निवेश है और जोमेटो में एंट फाइनेंशियल का 15 पर्सेंट. आने वाले दिनों में ऐसी कंपनियों पर फोकस रहेगा जिनमें अलीबाबा और टेनसेंट जैसी कंपनियों के निवेश हैं.

ये भी पढ़ें- चीनी साइबर अटैक को कैसे फेल कर सकता है भारत, समझिए जयदेव रानाडे से

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 30 Jun 2020,08:12 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT