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अमेरिका में डर भी कीमती होता है और यह अरबों डॉलर में बिकता है. गन इंडस्ट्री कुछ ऐसी ही है, जो डर और खौफ पर टिकी है. इसलिए जब बराक ओबामा अमेरिकी राष्ट्रपति थे तो वहां शेयर ब्रोकरों के बीच एक बात खूब कही जाती थी कि गन इंडस्ट्री के लिए ओबामा प्रशासन से अच्छा कुछ हो ही नहीं सकता.
क्योंकि ओबामा अक्सर गन कंट्रोल के नियमों को कठोर बनाने की वकालत करते थे. इसलिए जब तक ओबामा राष्ट्रपति रहे, अमेरिकी लोगों ने इस डर से जमकर गन खरीदीं कि अगर नियम कड़े हो गए तो गनों में पाबंदी न लग जाए.
ओबामा के 8 साल के कार्यकाल में दिग्गज गन कंपनी अमेरिका आउटडोर ब्रैंड्स कॉर्प के शेयरों में 720 परसेंट से ज्यादा रिटर्न मिला. यही नहीं, दूसरी गन कंपनियों के निवेशकों ने भी ओबामा के कार्यकाल में बहुत कमाई की.
इसके बाद रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के पहले 6 महीनों में ही गन शेयरों में 12 परसेंट तक गिरावट आ गई थी. इसकी वजह थी कि ट्रंप गन पर सख्ती के खिलाफ हैं. इसके अलावा रिपब्लिकन पार्टी को गन लॉबी का पक्का समर्थक माना जाता है.
लास वेगास में इतनी भयावह फायरिंग के बाद चार दिनों से गन शेयरों में लगातार उछाल जारी है. अमेरिका में जब-जब सामूहिक हत्याएं हुई हैं, तब-तब बंदूक कंपनियों के शेयरों में तेजी आई है. इसकी वजह राजनीतिक और भावनात्मक दोनों है. दरअसल हर घटना के बाद डर फैल जाता है कि कहीं गन नियंत्रण के कानून कड़े न कर दिए जाएं. इसलिए गनों की बिक्री में तेजी आ जाती है.
इस बार भी तीन बड़ी लिस्टेड गन कंपनियों के शेयरों में लगातार तेजी दिख रही है. यही नहीं ब्रोकर्स ने तो अनुमान लगाया है कि सभी गन कंपनियों को सालभर में जोरदार कमाई होगी. जरा इन कंपनियों पर नजर डालिए...
अमेरिकी गन से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं. इसलिए जैसे ही लगने लगता है कि गन रखने के नियमों में सख्ती हो सकती है, वैसे ही इनकी बिक्री बढ़ जाती है. डेमोक्रेटिक पार्टी को परंपरागत तौर पर गन लॉबी का विरोधी माना जाता है.
जबकि रिपब्लिकन पार्टी को गन लॉबी का समर्थक माना जाता है. लेकिन गन कंपनियों के शेयरों में कमाई डेमोक्रेट प्रशासन के दौरान ही होती है. रिपब्लिकन प्रेसिडेंट के कार्यकाल में आमतौर पर गन कंपनियों के शेयर गिरते हैं.
अमेरिका में गन का बहुत बड़ा बाजार है. अनुमान है कि अमेरिकी लोगों के पास इस वक्त अलग अलग तरह की करीब 30 करोड़ गन हैं. यानी करीब करीब हर युवा के पास एक से ज्यादा गन.
अमेरिका में लास वेगास जैसी फायरिंग के बाद गन कंट्रोल के नियमों को लेकर बहुत शोर उठता है. लेकिन अगली घटना होने तक सब कुछ सामान्य हो जाता है. दरअसल अमेरिका में नेशनल राइफल्स एसोसिएशन (एनआरए) बहुत ताकतवार लॉबी ग्रुप है. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी दोनों में इसका अच्छा खासा दबदबा है. खासतौर पर रिपब्लिकन पार्टी को तो एनआरए का समर्थक माना जाता है.
इसके अलावा अमेरिकी लोग गन को लेकर दीवाने हैं. उन्हें लगता है कि उनकी सुरक्षा के लिए गन बहुत जरूरी है. अमेरिका में लोग आर्मी की ड्रेस पहनकर काल्पनिक हमले से मुकाबले की प्रैक्टिस करते मिल जाएंगे
उन्हें रूसी, चीनी या उत्तर कोरिया से आने वाले खतरे का डर नहीं है. बल्कि अपने ही लोगों से सुरक्षा के लिए गन रखते हैं.
इस वक्त अमेरिकी लोगों में गन के अलावा बम्प स्टॉक जैसी एक्सेसरीज खरीदने की होड़ लग गई है. “बम्प स्टॉक” सेमी ऑटोमैटिक गन में लगने वाला खास उपकरण है, जिसे लगाने के बाद उस गन से एक मिनट में सैकड़ों राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं. लास वेगास में फायरिंग करने वाले आरोपी स्टीफन पेडॉक ने अपनी सेमी ऑटोमैटिक गन में बम्प स्टॉक लगा रखा था.
अमेरिका को समझना नामुमकिन नहीं पर आसान भी नहीं. यहां डर की भी कीमत होती है और वो अरबों डॉलर का कारोबार करता है. लास वेगास में करीब 60 लोगों की हत्या और 500 से ज्यादा घायल होने के बाद गन कंपनियों शेयरों में जोरदार तेजी भले हम भारतीयों को हैरान करे, पर अमेरिकी लोगों को नहीं. अमेरिका में जब जब सामूहिक हत्याएं होती हैं तब बंदूकों पर पाबंदी का शोर बहुत होता है, लेकिन इसमें इतना ज्यादा पैसा और रुतबा जुड़ा है कि हर बार बात आई गई हो जाती है. अफसोस की बात है कि लास वेगास की घटना आखिरी नहीं होगी.
(अरुण पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
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