मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019एक गोत्र में शादी करने पर दिक्कत, फिर इंटर कास्ट मैरिज पर क्यों आफत?

एक गोत्र में शादी करने पर दिक्कत, फिर इंटर कास्ट मैरिज पर क्यों आफत?

Honor killing की कबीलाई प्रथा का कैसे हो अंत ?

गीता यादव
नजरिया
Updated:
<div class="paragraphs"><p>Honor killing की कबिलाई प्रथा का कैसे हो अंत ?</p></div>
i

Honor killing की कबिलाई प्रथा का कैसे हो अंत ?

(फोटो: iStockphoto)

advertisement

आधुनिकता कई समस्याओं का समाधान है. लेकिन पुरातन समय से चली आ रही कुछ समस्याओं का समाधान निकालने में आधुनिकता भी नाकामयाब रही है. ऑनर किलिंग ऐसी ही एक समस्या है. हाल ही में दिल्ली शहर के अंदर ऑनर किलिंग (Honor killing) की एक घटना ने ये भी साबित कर दिया है कि शिक्षा भी इस समस्या का समाधान नहीं है.

वर्तमान घटना पश्चिम दिल्ली के द्वारका इलाके की है, जहां विनय दहिया और किरण पर किरण के परिवार वालों ने हमला किया. हमले में विनय की मौत हो गई और घायल किरण का अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. विनय और किरण की जाति एक ही है और दोनों एक ही गांव के हैं. गांव वाले सगोत्र शादी के खिलाफ थे. किरण के मुताबिक परिवार वालों का मानना है कि इस शादी से उनकी इज्जत खराब हुई है. इस मामले में सबसे दुखद ये है कि दंपति ने अगस्त 2020 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर करके सुरक्षा भी मांगी थी.

जहां तक कानून की बात है तो इस बात पर कोई रोक नहीं है कि दो सहमत वयस्क लोग एक दूसरे से रिश्ता बनाए. एक ही गांव के रहने वालों या एक ही गोत्र या अलग अलग जाति या धर्म के लोगों के बीच शादी पर कानूनी रोक नहीं है. एक बात और स्पष्ट है कि शादी चाहे जैसी भी हो, उसे रोकने का समाज या परिवार को कोई कानूनी अधिकार नहीं है. इस बारे में की जाने वाली हर जोर-जबर्दस्ती गैरकानूनी है.

इसके बावजूद ऑनर किलिंग की घटनाएं हो रही हैं. ऑनर किलिंग दरअसल रिश्तों पर एक सामाजिक पाबंदी है, जिसका आधार ये है कि स्त्री का अपने शरीर पर पूरा हक नहीं है और स्त्री अपना संबंध कैसे बनाती है, इसके निर्धारण में समाज, जाति, गांव वालों की भी भूमिका है. यह दरअसल औरतों को कंट्रोल करने की सामाजिक पद्धति है, जिसे अक्सर पुलिस और प्रशासन का भी प्रछन्न सहयोग या सहमति हासिल होती है.

दरअसल, एक गोत्र में शादी करना, भाई बहन से शादी करना नहीं होता है. गोत्र में शादी का मतलब- सगे भाई बहन, चाचा, ताऊ, मामा, बुआ के बच्चों से शादी करना भी नहीं होता है.

ऑनर किलिंग में अक्सर ये देखा गया है कि कपल्स को कत्ल करने का काम लड़कियों के पेरेंट्स और परिवार वालों की तरफ से होता है. द्वारका के ऑनर किलिंग केस की शुरुआती जांच में भी यही बात सामने आई. सामाजिक मान्यताओं के मुताबिक, लड़कियों को घर की इज्जत की तरह समझा जाता है, जिसकी रक्षा करना परिवार का दायित्व होता है और अगर कोई लड़की सामाजिक मान्यताओं के खिलाफ शादी कर लेती है या रिश्ते बना लेती है तो परिवार को लगता है कि उनकी इज्जत खराब हो गई. अपनी खोई हुई इज्जत को वापस पाने के लिए परिवार उस कारण को ही नष्ट करने निकल पड़ते हैं, जिनके कारण उनकी “इज्जत” खराब हुई है.

भारत ऐसा अकेला देश नहीं है, जहां ऑनर किलिंग होती है. पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिडल ईस्ट समेत कई देशों में लड़कियों को परिवार की इज्जत माना जाता है और उनकी ऑनर किलिंग होती है. आगा खान यूनिवर्सिटी (पाकिस्तान) की प्रोफेसर ताहिरा खान के अनुसार महिलाओं को प्रॉपर्टी की तरह समझा जाता है, जिसके अपने कोई अधिकार नहीं होते. यही सोच है, जिसकी वजह से ऑनर किलिंग होती है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

शादी दो परिवारों का संबंध

दुनिया में कोई भी देश जिसका ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स स्कोर अच्छा है, यानी जो भी विकसित देश हैं, वहां शादी दो लोगों का सम्बंध है. वहीं, भारत में शादी दो परिवारों का सम्बंध माना जाता है. दो लोग अगर साथ नहीं रहना चाहते तो कोई भी उनको साथ भी नहीं रख सकता. बावजूद इसके शादी, परिवार तय करता है. शादी में चूंकि परिवार का सम्बंध निभाना होता है, और लड़की लड़के के परिवार के यहां जाकर रहती है तो सारा जिम्मा, शादी और परिवार निभाना लड़की के सर आता है. इसलिए शादियों में औरतों का शोषण बहुत ज्यादा होता है.

जबकि लव मैरिज में पार्टनर्स के संबंध तो बन जाते है लेकिन दो परिवारों के रिश्ते कई बार नहीं बन पाते. ऐसी शादियों को परिवार मान्यता नहीं देता और कुछ केस में ऑनर किलिंग हो जाती है. जिन मामलों में ऑनर किलिंग नहीं होती, वहां बहुत सारे मामलों में कपल्स से परिवार अपना रिश्ता खत्म कर लेते हैं या संपत्ति से बेदखल कर देते हैं.

सगोत्र विवाह ऑनर किलिंग की एकमात्र वजह नहीं है. ज्यादातर ऑनर किलिंग अंतर्जातीय और अंतरधार्मिक विवाह की वजह से होते हैं. खासकर अगर लड़की ने अपने से नीची जाति के लड़के से शादी कर ली तो इसे लड़की के परिवार वाले कई बार अपनी प्रतिष्ठा के खिलाफ मानते हैं. कुल मिलाकर, जैसा परिवार और समाज चाहता है, और उनके हिसाब से जो मान्य है, उसके अलावा किसी भी तरह की शादी या संबंध ऑनर किलिंग का कारण हो सकता है.

डॉ. भीमराव अंबेडकर लिखते है कि सजातीय विवाह जाति प्रथा को टिकाए रखने के लिए आवश्यक है. गोत्र के बारे में डॉ. आंबेडकर का कहना है कि बहिर्गोत्री विवाहों का उल्लेख आदिम युग में मिलता है. युग परिवर्तन के साथ इस शब्द की सार्थकता ही जाती रही. और रक्त के घनिष्टतम रिश्ते को छोड़कर, विवाहों में कोई प्रतिबंध नहीं रहा. लेकिन भारत में ये मौजूद है. भारत में कबीले नहीं रहे, लेकिन कबीलाई प्रथा आज भी मौजूद है. बहिर्गोत्री विवाह का मतलब है विलय यानी बंधनों का कमजोर होना. लेकिन जो समाज गोत्र के अंदर शादी के इतने खिलाफ है, वही समाज जाति के अंदर शादी का आग्रही भी है. इसलिए जब कुछ लोग तर्क देते हैं कि गोत्र के बाहर शादी करने से जेनेटिक पूल बेहतर होता है, वे जाति की बात आते ही अपने ही तर्क के खिलाफ खड़े हो जाते हैं.

अगर जेनेटिक डाइवर्सिटी के लिए गोत्र से बाहर शादी अच्छी है तो अलग जाति और धर्म तथा दूसरे राज्यों में शादी तो और भी अच्छी मानी जाएगी. लेकिन अखबारों और मैट्रिमोनियल साइट्स पर, शादी के विज्ञापनों में, शादी के लिए अपनी ही जाति और भाषा की पसंद साफ तौर पर देखी जा सकती है.

लव कम अरेन्जेड मैरिज

यानी परिवारिक सहमति से प्रेम विवाह ब्रिटिश भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय है. न्यूकासल यूनिवर्सिटी में सीनियर लेक्चरर रक्षा पांडे के अपनी रिसर्च में पाया कि ब्रिटिश भारतीयों के बीच अक्सर इस तरह की शादियां होती है. इनमें पेरेंट्स का इन्वॉल्वमेंट और अप्रूवल शामिल है. ब्रिटेन में फोर्स्ड मैरिज गैर कानूनी है और लव मैरिज नॉर्म. इसलिए ब्रिटिश भारतीयों की इस तरह की शादी, इन दोनों के बीच ‘ग्रे एरिया’ में आती है.

भारत में भी शहरी क्षेत्रों में प्रेम विवाह होने लगे हैं. ये वही प्रेम विवाह है जिनको लव कम अरेन्जेड मैरिज कह सकते है. जिसमें लड़के/लड़कियां अपने पार्टनर ढूंढते हैं और फिर परिवार से शादी की अप्रूवल लेते है. पार्टनर्स ढूंढते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि परिवार से उस पसंद को अप्रूवल मिल जाएगा. पेरेंट्स से अप्रूवल के बाद, उसमें दहेज भी आ जाता है और अरेन्जेड मैरिज के सारे रीति रिवाज भी निभा लिए जाते हैं.

जाहिर है कि कभी जाति तो कभी धर्म की शुद्धता बचाने के लिए, 21वीं सदी में भी महिलाओं को समाज और परिवार ने शादी की आजादी भी नहीं दी है. समस्या की गंभीरता को देखते हुए ऑनर किलिंग के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत है, जहाँ इन केसों का जल्द से निपटारा किया जा सके. साथ ही अगर कोई कपल पुलिस ये न्यायपालिका से संरक्षण मांगता है, तो वह संरक्षण उन्हें मिलना चाहिए.

(लेखिका भारतीय सूचना सेवा में अधिकारी हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 04 Jul 2021,11:43 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT