मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारतीय वायुसेना के प्रहार पर चीन की सधी प्रतिक्रिया का मतलब क्‍या?

भारतीय वायुसेना के प्रहार पर चीन की सधी प्रतिक्रिया का मतलब क्‍या?

चीन को सच्चाई मालूम है, लिहाजा उसने मंगलवार को पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले के पीछे भारत की मंशा समझ ली

मनोज जोशी
नजरिया
Published:
भारत-पाक तनाव पर चीन का भाषा काफी संतुलित और निष्पक्ष रही
i
भारत-पाक तनाव पर चीन का भाषा काफी संतुलित और निष्पक्ष रही
(फोटो:अर्निका काला/द क्विंट)

advertisement

चीन को सच्चाई मालूम है. लिहाजा उसने मंगलवार, 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले के पीछे भारत की मंशा समझ ली. इसका मकसद इस्लामाबाद को संघर्ष से दूर रखना था.

साउथ ब्लॉक से जारी आधिकारिक बयान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर की धारा 51 का उल्लेख है, जिसमें आत्मरक्षा पर जोर दिया गया है. भारत ने 'बालाकोट स्थित JeM के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर' पर हमले को 'non-military pre-emptive action' बताया, जिसका कारण भारत को उस आतंकी संगठन से महसूस हो रहा खतरा था.

बयान में जानबूझकर अस्पष्टता रखी गई कि ये हमला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नहीं किया गया था. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो बयान ने स्पष्ट किया कि भारत का निशाना कोई प्रांत या अन्य संगठन नहीं था, बल्कि “फिदायीन जेहादी” थे, जिन्हें आत्मघाती हमलावर बनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा था.

पाकिस्तान के मामले में चीन तटस्थ रहा?

साफ-साफ कहें, तो चीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे भी महत्त्वपूर्ण बात है कि उसने दोनों के लिए समान भाव अपनाया है. मंगलवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने दोनों देशों को 'धीरज रखने और क्षेत्र में स्थायित्व लाने वाले कदम उठाने' की सलाह दी.

दोनों दक्षिणी एशिया के महत्त्वपूर्ण देश हैं और सौहार्दपूर्ण सम्बंध दोनों के लिए फायदेमंद हैं. विशेषकर इस्लामाबाद इस बात पर खुश नहीं होगा कि उसके घनिष्ट मित्र ने जरूरत के समय तटस्थता का रुख अपनाया है.

चीन के विदेश मंत्री वांग यी को पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी के फोन के बारे में पूछे जाने पर लू ने बताया कि वांग ने हालात पर पाकिस्तान के रुख के बारे में कुरैशी की बातें सावधानपूर्वक सुनीं. साथ ही जल्द से जल्द वार्ता के जरिये भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने में चीन के मदद की पेशकश की.

चीन के रुख का कारण पाकिस्तान की भ्रमित करने वाली प्रतिक्रिया थी. शुरुआत में पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने दावा किया कि कुछ भारतीय विमान मुजफ्फराबाद क्षेत्र में घुस आए थे, जिन्हें पाकिस्तान की वायुसेना ने समय रहते वापस जाने पर मजबूर किया.

इस दौरान 'विमान ने पेलोड गिराए, जो खुले इलाके में गिरे.' उन्होंने कहा कि किसी ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचा और कोई नहीं मारा गया.

बाद में पाकिस्तान सुरक्षा समिति की प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में भारत के 'अवांछित घुसपैठ' की आलोचना की गई और बदला लेने की बात कही गई. बैठक में ये भी कहा गया कि बालाकोट के सैन्य शिविर को निशाना बनाने का भारत का दावा 'अपने हितों के लिए, उतावलेपन में और मनगढ़ंत' बात है.

लिहाजा अगर कुछ गंभीर नतीजा नहीं निकला, तो चीन को ‘Iron Brother’ के रूप में स्वयं को पेश करने की जरूरत नहीं है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या चीन की भाषा ने पाकिस्तान को अपना रुख नरम करने का मौका दिया है?

इसका एक रणनीतिक कारण है. हमलों के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को सबसे पहले फोन करने देशों में चीन एक था, जिसमें विदेश मंत्री ने स्पष्ट कहा कि बीजिंग समेत सभी भारत की स्थिति को अच्छी तरह समझते हैं.

उससे भी महत्त्वपूर्ण बात थी कि बाद में सुषमा स्वराज रूस-भारत-चीन (RIC) ग्रुप की बैठक में भाग लेने के लिए चीन के वुझेन भी गईं. बुधवार सुबह उनकी मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हुई. माना जा रहा है कि दोनों के बीच इस मुद्दे पर भी बातचीत हुई. बाद में RIC विदेश मंत्रियों की बैठक में सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे पर विस्तार से जानकारी दी.

लेकिन इनसे ये नहीं समझ लेना चाहिए कि पाकिस्तान के साथ चीन की दोस्ती समाप्त हो गई है. उसने सिर्फ एक ऐसे मुद्दे पर अपना रुख तटस्थ रखा है, जिस मुद्दे पर किसी भी रूप में पाकिस्तान का पक्ष लेना उसके लिए मुश्किल होगा.

नई दिल्ली से ये उम्मीद नहीं थी कि जम्मू और कश्मीर में अर्धसैनिक बलों पर कायराना हमले के बाद वो चुप बैठा रहता. इस हमले को एक ऐसे संगठन ने अंजाम दिया था, जो संयुक्त राष्ट्र की सूची में प्रतिबंधित है.

चीन की नीति हमेशा संभलकर प्रतिक्रिया देने की रही है. इस बार उसे ये नहीं मालूम था कि नई स्थिति बिलकुल अलग होगी.

भारत ने पहली बार अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान में आतंकियों को निशाना बनाया है. इसके लिए भारत ने अपनी हवाई ताकत का इस्तेमाल किया. फिर भी संयमित भाषा के इस्तेमाल से उसने इस्लामाबाद को अपनी छवि धूमिल होने की तीव्रता कम करने का पूरा मौका दे दिया है.

हालांकि बुधवार, 27 फरवरी को पाकिस्तान के जेट विमानों ने भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन किया और लौटते हुए बम गिराए. पाकिस्तान ने ये हरकत भारतीय वायुसेना द्वारा LoC के पार जाकर आतंकी ठिकानों पर हमला करने के एक दिन बाद की.

'स्थाई' भारत और 'बिच्छू सरीखे' पाकिस्तान के बीच चुनाव

पाकिस्तान के अपने समीकरण हैं. भारत का हमला उसके वजूद पर चुनौती है और रावलपिंडी में (पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय) बदले की तैयारियां जोरों पर होंगी.

ऐसा करते हुए उसे दक्षिणी एशिया में अपने संबंधों का भी ध्यान रखना होगा. चीन 1960 के दशक से पाकिस्तान को भारत के खिलाफ ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है. हाल में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के द्वारा पाकिस्तान को आर्थिक फायदे का भरोसा दिया गया है. लेकिन इस्लामाबाद के ‘बिच्छू जैसे’ व्यवहार को देखते हुए इसका भविष्य अनिश्चित है.

हर बार खतरा उभरने पर समस्या को शांतिपूर्ण तरीकों से दूर करने की बात की जाती है. लेकिन हर बार रावलपिंडी का रवैया इसे रोक देता है. चीन को इस परेशानी को गहराई से समझना होगा और आने वाले दिनों में अपनी स्थिति का फिर से मूल्यांकन करना होगा.

दूसरी ओर अधिक स्थायित्व वाला भारत, चीन की कम्पनियों के विस्तार के लिए अधिक अवसर दे रहा है. साल 2018 में वुहान सम्मेलन के बाद चीन-भारत के रिश्तों में आई प्रगाढ़ता से बीजिंग को ऐसे समय में भारी लाभ पहुंच सकता है, जब उसे अमेरिका से भारी चुनौती मिल रही है. हो सकता है कि जापान की तर्ज पर नई दिल्ली भी परोक्ष रूप से बेल्ट एंड रोड परियोजना को समर्थन देना आरम्भ कर दे.

(लेखक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन, नई दिल्ली में एक प्रतिष्ठित फेलो हैं. आलेख में दिये गए विचार उनके निजी विचार हैं और क्विंट का उससे सहमत होना जरूरी नहीं है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT