मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Voices Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Opinion Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या समाजवादी परिवार में अब सब ठीक-ठाक है? ऐसा लगता तो नहीं है

क्या समाजवादी परिवार में अब सब ठीक-ठाक है? ऐसा लगता तो नहीं है

समाजवादी परिवार में कलह से जुड़े कुछ जरूरी सवाल.

विवेक अवस्थी
नजरिया
Published:
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव. (फोटो: Twitter)
i
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव. (फोटो: Twitter)
null

advertisement

क्या समाजवादी परिवार में सुलह हो गई है या ये आने वाले तूफान से पहले की शांति है? मौजूदा हालात को देखें, तो ये तूफान से पहले की शांति ही लग रही है. मुलायम सिंह यादव दोनों पक्षों में सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक सारे प्रयास फेल हो चुके हैं. जल्द ही दोनों पक्षों में एक नया शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल सकता है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सीएम अखिलेश चाचा शिवपाल समेत चार अन्य बर्खास्त हुए मंत्रियों को वापस लेने को तैयार हो गए थे. लेकिन सीएम अखिलेश मंगलवार दोपहर को पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस से गायब हो गए. इसमें उन्हें पार्टी चीफ मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल के साथ प्रेस को संबोधित करना था.

अखिलेश कैंप से अब तक इस बारे में कोई खबर नहीं है कि वे बर्खास्त मंत्रियों को वापस लेने पर विचार कर रहे हैं या नहीं. पार्टी चीफ मुलायम सिंह यादव ने मंगलवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के सीएम कैंडि‍डेट पर अपना पुराना बयान दिया कि चुनाव के बाद सीएम चुना जाएगा. मुलायम ने इस बयान से अखिलेश के प्रति अपने गुस्से को जाहिर किया है.

ऐसे में समाजवादी पार्टी के सामने ऐसे कई सवाल हैं, जिनका उत्तर अभी तक नहीं दिया गया है. सोमवार को पार्टी मीटिंग में गरमा-गरम बहस के बाद ऐसा कैसे संभव है कि अखिलेश शिवपाल समेत नारद राय, ओम प्रकाश और शादाब फातिमा को कैबिनेट में वापस ले लें. पार्टी सुप्रीमो के इस प्रस्ताव पर अब तक सीएम की तरफ से कोई सहमति बनती नजर नहीं आई है.

मुलायम सिंह यादव (फोटोः PTI)

अखिलेश के चाचा रामगोपाल अभी भी पार्टी से बाहर!

अखिलेश के पक्के समर्थक और कल तक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल अभी तक पार्टी से बाहर हैं. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश के कहने पर भी मुलायम सिंह यादव इस मामले पर टस से मस होने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में अखिलेश की पहली मांग मुलायम ने नहीं मानी है.

‘बाहरी’ की पार्टी में धमक बरकरार

सीएम अखिलेश के लिए बाहरी सदस्य ‘अमर सिंह’ को मुलायम सिंह यादव की ओर से समर्थन जारी है. अखिलेश के 'दलाल' और 'साजिशकर्ता' कहने के बावजूद मुलायम ने अमर सिंह को खुलेआम समर्थन दिया है. अखिलेश के लिए ये एक और झटका हो सकता है.

टीम अखिलेश की पार्टी में वापसी पर कोई चर्चा नहीं!

अखिलेश के करीबी आनंद भदौरिया, सुनील साजन, संजय लाथर और उदयवीर सिंह जैसे तमाम एमएलसी और युवा नेताओं की पार्टी में वापसी के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. इन्हें शिवपाल सिंह ने निकाला था. सोमवार की पार्टी मीटिंग में शिवपाल के विरोध में नारे लगाने वाले 10 लोगों को भी पार्टी से निकाला गया है. ऐसे में इन नेताओं का क्या होगा?

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फोटो: PTI)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

शिवपाल पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पर काबिज

शिवपाल यादव के पास अभी भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की पोजिशन है. इसमें किसी बदलाव की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है, क्योंकि मुलायम सिंह यादव पुरजोर तरीके से अपने भाई का समर्थन करते नजर आ रहे हैं. हालांकि अखिलेश इस पोजिशन के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. लेकिन मुलायम इस पोस्ट पर अपने भाई के होने से ज्यादा संतुष्ट दिखाई पड़ रहे हैं.

चुनाव में टिकट बंटवारे पर तस्‍वीर साफ नहीं

हालांकि अखिलेश अब तक कहते आए हैं कि वे चीफ मिनिस्टर हैं और टिकट बंटवारे में उनका ही आखिरी दखल होगा. लेकिन ये दावा खोखला साबित होता दिख रहा है. मुलायम और शिवपाल अखिलेश को ये करने देने का संकेत देते भी नहीं दिख रहे हैं. अखिलेश कैंप टिकट बंटवारे में मुलायम सिंह यादव से 50-50 परसेंट फॉर्मूले की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन जिस तरह मुलायम शिवपाल के साथ खड़े हैं, उसमें ये सोचना भी बहुत ज्यादा आशावादी होना है.

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव (फोटोः Reuters)

क्या अखिलेश अपने समर्थकों को छोड़कर महत्वहीन सीएम बने रहेंगे?

समाजवादी पार्टी दो धड़ों में बंटी दिख रही है. एक धड़ा सीएम अखिलेश की तरफ है, वहीं दूसरा धड़ा मुलायम और शिवपाल की तरफ है. मुलायम कैंप की ओर से झुकने के संकेत नहीं मिल रहे हैं. इसका मतलब ये है कि अखिलेश के युवा समर्थकों को टिकट नहीं मिलेगा. क्या अखिलेश इसे स्वीकार करेंगे?

क्या अखिलेश मान जाएंगे?

शिवपाल को वापस मंत्री बनाकर क्या अखिलेश दोबारा वहीं बेइज्जती बर्दाश्त करेंगे, जो उन्होंने गायत्री प्रजापति और राज किशोर को वापस मंत्री बनाकर की थी? फिलहाल वो हार मानने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं. शायद वो कुछ ज्यादा हासिल करना चाह रहे है हों?

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT