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पाकिस्तान और चीन इस तरह ‘फेक यूजर्स’ से चला रहे हैं प्रोपेगेंडा

‘चीन का प्रचार तंत्र’ पाकिस्तान की छवि सुधारने में ‘मदद’ कर रहा है

फ्रांचेस्का मरीनो
नजरिया
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“ईयरऑफदऑक्स हैप्पी चाइनीज न्यू ईयर! मे दिस ईयर ऑफ द ऑक्स ब्रिंग यू ए प्रोस्पेरस एंड हेल्दी 2021. कियोंग ही ह्युआत साई! # चाइना”-12 फरवरी, 2021 का ये ट्वीट, एक बिल्कुल नए ट्विटर अकाउंट से किए गए पहले कुछ ट्वीट्स में एक है- फरवरी 2020 के शुरुआती दिनों में बनाए गए इस अकाउंट के मिनटों के अंदर एक लाख के ज्यादा फॉलोअर हो गए और हाल ही में पाकिस्तानी पुरुषों के अकेली यात्रा करने वाली महिलाओं के प्रति ‘शालीनता और नेकी’ की तारीफ करते हुए एक ट्वीट के कारण पाकिस्तानी मीडिया हाउस में इसकी लोकप्रियता काफी बढ़ गई है.

इस अकाउंट में एक श्वेत, सुनहरे बालों वाली लड़की की तस्वीर दिखती है जो एक ‘स्पोर्ट्सपर्सन, टूरिस्ट, ई रीडर एडिक्ट और ब्लॉगर’ होने का दावा करती है जिसका नाम ‘कैथरीन जॉर्ज’ है. ट्विटर और इंस्टाग्राम के यूजर को इस बात का पता लगाने में कुछ मिनटों का ही समय लगा कि ‘ट्रेवलर’ की ओर से पोस्ट की गई तस्वीर दरअसल पाकिस्तान में एक ट्रेवल एजेंसी में काम करने वाली पोलैंड की लड़की की है और ये कि कैथरीन जॉर्ज असल में है ही नहीं. हालांकि, अब ये अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है.

फर्जी ब्लॉगर और पश्चिमी ‘पर्यटक’ कर रहे हैं पाकिस्तान की तारीफ

क्या ये अनेकों फर्जी ब्लॉगर और ट्रेवलर में एक है जो डीजी-आईएसपीआर (पाकिस्तानी सेना की मीडिया और पब्लिक रिलेशन विंग के डीजी) की ओर से पाकिस्तान की सुंदरता का बखान कर रही है-महिला ‘ट्रेवलर्स’ की उस प्रसिद्ध दल की तरह जिसे स्पष्ट तौर पर अनुपस्थित डीजी आसिफ गफूर ने बनाया था. नहीं ऐसा नहीं है.

क्योंकि, जब सोशल और ऑफिसियल मीडिया सेना, पर्यटन और पाकिस्तानी पुरुषों के व्यवहार के संबंधित ट्वीट्स पर ध्यान दे रहे थे, करीब-करीब किसी ने भी इससे भी ज्यादा रोचक बात पर ध्यान नहीं दिया.

दरअसल, कैथरीन जॉर्ज की टाइमलाइन पर पिछले ट्वीट्स को देखना बहुत ही दिलचस्प है. चीनी नई साल की मुबारकबाद और पाकिस्तानी सेना की तारीफ करने के अलावा उनके तीन-चौथाई ट्वीट बलुचिस्तान और ग्वादर के बारे में हैं, इनमें ज्यादातर ग्वादर प्रो नाम के एक अकाउंट के रीट्वीट्स हैं. ग्वादर प्रो एक ऐप है जो गूगल और ऐपल दोनों पर उपलब्ध है. बलुचिस्तान से अलग किए जाने के बाद “ग्वादर को पूरी दुनिया से जोड़ने” के उद्देश्य से मार्च 2019 में ‘ग्वादर एक्सपो’ के दौरान इस ऐप को बनाया गया था. इस ऐप के जरिए इंग्लिश-चीनी-ऊर्दू ट्रांसलेशन सर्विस, एयर टिकट सर्विस, होटल बुकिंग, एक्सचेंज जैसी सेवाएं दी जाती हैं. 

लेकिन इन सबसे ऊपर, ये चाइना इकोनॉमिक नेट और सिन्हुआ सर्विस जैसी सरकारी न्यूज एजेंसियों से सीधे जुड़ा न्यूज सर्विस देता है जो मुख्य रूप से ग्वादर और सीपीईसी पर केंद्रित होती हैं और जो लगातार हर मौजूद मंच पर एक-दूसरे की रिपोर्ट को उद्धत करते हैं.

कैसे ‘चीन का प्रचार तंत्र’ पाकिस्तान की छवि सुधारने में ‘मदद’ कर रहा है

इसलिए, इस बात की पूरी संभावना है कि कैथरीन का अकाउंट चीन के प्रचार तंत्र की नई रणनीति का हिस्सा है: पत्रकार या पर्यटकों, श्वेत महिलाएं हों तो बेहतर, की ‘खोज’ जो बीजिंग के नजरिए को फैला रहे हैं.

वास्तव में, इसी दौरान फ्रांस में एक और स्कैंडल सामने आया. यूके से बाहर किए जाने के बाद बदनाम सीजीटीएन, जिसे हाल ही में फ्रांस में सुपीरियर ऑडियोविजुअल काउंसिल से प्रसारण की मंजूरी मिली थी, ने फ्रांस के एक फ्रीलांस पत्रकार लॉरीन ब्यूमॉन्ड के साथ इंटरव्यू को पब्लिश किया. इस इंटरव्यू का टाइटल था ‘माई शिनजियांग: फेक न्यूज के अत्याचार को रोकें’

सीजीटीएन के मुताबिक ब्यूमॉन्ड, जिनके पास सोरबोने (पेरिस की यूनिवर्सिटी) से दो डिग्री और जर्नलिज्म में मास्टर्स डिग्री है, और उन्होंने फ्रांस में सभी बड़े मीडिया हाउस के साथ काम किया और और शीजांग में कम से कम सात सालों तक रही हैं, ने सीधे-सीधे सवालों के जवाब दिए. उन्होंने पूछा ‘क्या दुनिया पागल हो गई है’. उन्होंने सवाल किया कि “कंसन्ट्रेशन कैंप्स, महिलाओं का बंध्याकरण, जबरन मजदूरी कराना, संस्कृति का धीरे-धीरे खत्म होना, नरसंहार ये सभी शब्द कहां से आते हैं जो मानव इतिहास के सबसे काले अध्याय के बारे में बताते हैं .” उन्होंने पूछा ‘चीन के खिलाफ एक ठोस सबूत के बिना, वैसे लोगों जिन्होंने दुनिया के इस क्षेत्र में कभी कदम नहीं रखा उनकी बिना किसी वैध गवाही के, दूर से ही जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो क्या हैं’. 
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ये काफी कुछ चीन का सरकारी प्रोपेगैंडा नहीं लगता है? क्योंकि ये है. क्योंकि लॉरेन ब्यूमॉन्ड कैथरीन जॉर्ज की तरह मौजूद ही नहीं है. फ्रांस के किसी न्यूजरूम, पत्रकारों के संघ या सॉरबोन में कहीं भी उनका एक भी रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. मैडम ब्यूमॉन्ड मिस जॉर्ज की तरह चीन के अपने झूठ को सच की तरह पेश करने की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है.

ये सिद्धांत बहुत ही सरल है: किसी भी उपलब्ध मंच से एक झूठ को कई बार, कई अलग-अलग पक्षों से दोहराया जाय और ये सच बन जाएगा. ये बात भी काफी दिलचस्प है कि ब्यूमॉन्ड के इंटरव्यू को पूरा का पूरा पब्लिश करने वाला एकमात्र दूसरा मीडिया प्लेटफॉर्म Defense.pk है जो एक पाकिस्तानी मीडिया प्लेटफॉर्म है जिसे पाकिस्तान की सेना चलाती है. वेबसाइट ने अब इस इंटरव्यू को हटा दिया है. 

ब्यूमॉन्ड के शब्दों में शिनजियांग एक ग्रामीण स्वर्ग के समान है जहां “लोग खुश दिखे और चुपचाप अपने-अपने छोटे धंधों के लिए जाते हैं. मुसलमान अपनी इच्छा के अनुसार अपने अल्लाह की इबादत करते हैं और अपनी पसंद के मुताबिक कपड़े पहनते हैं. मस्जिद, ग्रैंड बाजार, पारंपरिक मुस्लिम शिल्प सब कुछ संरक्षित है और सबको बढ़ावा दिया जाता है.”

जब झूठ ‘सच’ बन जाता है

ब्यूमॉन्ड उन पश्चिमी कंपनियों पर भी जम कर बरसीं जिन्होंने उईघर कॉटन खरीदना बंद कर दिया. उन्होंने कहा “उईघर मजदूरों को खेतों से कपास के फूल चुनने को मजबूर करते हैं? यूनाइटेड स्टेट्स में क्या हम अब भी गुलामी के युग में जी रहे हैं? सौभाग्य से, मजाक उड़ाने से किसी की मौत नहीं होती.. ”. पाकिस्तान में कैथरीन ग्वादर के साथ यही करती हैं: “सुंदर बलुचिस्तान, शांतिपूर्ण बलुचिस्तान” की बात करते हुए- नए क्रिकेट स्टेडियम, समुद्री तटों और क्षेत्र के पहाड़ों की तारीफ करते हुए.

उन्होंने बलोचिस्तान में बीयर बनाने के चीनी कंपनी द्वारा खरीदे गए लाइसेंस के बारे में ट्वीट नहीं किया लेकिन ये ऐसी बात नहीं है जिसका सेना प्रचार करना चाहती है. 

और जब चीन पारंपरिक मीडिया और सोशल मीडिया में अपने झूठ को फैलाने के लिए नई पश्चिमी देशों की महिला ब्लॉगर्स और पत्रकारों को गढ़ रहा था, फ्रांस और पूरे यूरोप में ‘बिग’ ब्यॉज (बहुत ज्यादा नहीं) कूटनीतिक हमले करने में लगे हुए थे.

उईघर मुसलमानों के साथ सलूक के कारण चीन के खिलाफ यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंध (हालांकि काफी हल्के ही) पारित करने के बाद फ्रांस में चीनी राजदूत लु शे को तलब किया गया था. क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर पेरिस के स्ट्रेटेजिक रिसर्ज फाउंडेशन के चीन विशेषज्ञ एंटनी बोंडाज का अपमान किया था और उन्हें धमकी दी थी. और ये पहली बार नहीं था जब विदेश मंत्रालय ने उन्हें उनके व्यवहार के कारण तलब किया था.

तथ्य ये है कि यूरोपीय यूनियन के फैसले के बाद ‘वोल्फ वारियर’ एक ‘मैड वोल्फ’ में बदलता जा रहा है, और चीन को लगता है कि पाकिस्तान की तरह यूरोपीय प्रेस और लोगों की राय को तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है. 

जब ऐसा नहीं होता, तब ‘वोल्फ’ एक राक्षस में बदल जाता है और इंसान वीयरवोल्फ (भेड़ियामानव) में. ऐसा लगता है कि फर्जी पहचान का ये खेल अभी शुरू ही हुआ है-जाइए, आप पॉपकॉर्न खाइए.

(फ्रांचेस्का मरीनो एक पत्रकार और दक्षिण एशिया एक्सपर्ट हैं. वह बी नताले के साथ 'ऐपोकलिप्स पाकिस्तान' किताब लिख चुकी हैं. उनका ट्विटर हैंडल @francescam63 है. यह एक ओपनियन लेख है. ये लेखक के निजी विचार हैं. क्विंट का उनसे सहमत होना जरूरी नहीं है.)

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