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भले ही पाकिस्तान अपने हालिया इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ के बीच में है, लेकिन फिर भी वहां मनोरंजन की कोई कमी नहीं है. हलिया तमाशा कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी चैनल जियो न्यूज द्वारा रिपोर्ट किए गए एक स्कूप से शुरू हुआ था.
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार ने तालिबान सरकार को एक आधिकारिक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि मसूद अजहर अफगानिस्तान में छिपा हुआ है. वह (अजहर) संभवत: नंगरहार और कुनार प्रांतों के बीच रह रहा है. जाहिर तौर पर इस पत्र के माध्यम से इस्लामाबाद काबुल सरकार से जैश-ए-मोहम्मद (जैश) प्रमुख को गिरफ्तार करने और उसे पाकिस्तान को सौंपने के लिए कह रहा है.
पाकिस्तानी सरकार में किसी ने भी इस खबर की पुष्टि या खंडन नहीं किया है, लेकिन जब प्रेस ने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी से मसूद अजहर के बारे में पूछा तो, उन्होंने कहा कि "हमारी जानकारी के अनुसार, कथित व्यक्ति अफगानिस्तान में है."
तालिबान ने इसपर तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया यहां अफगानिस्तान में नहीं है. यह एक ऐसा संगठन है जो पाकिस्तान में हो सकता है. वैसे भी वह अफगानिस्तान में नहीं हैं और हमसे ऐसा कुछ नहीं पूछा गया है. इसके बारे में हमने न्यूज में सुना है. हमारी जवाब यह है कि यह सच नहीं है."
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि, "हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि बिना किसी सबूत और दस्तावेज के अभाव में ऐसे आरोप लगाने से बचें. इस तरह के मीडिया दावों का द्विपक्षीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है." हम अभी भी अगले चैप्टर का इंतजार कर रहे हैं.
लेटर है या नहीं, इसे छोड़ते हैं और फैक्ट पर बने रहते हैं. इस बात को ज्यादा समय नहीं बीता है जब पाकिस्तान ने कहा था कि अजहर को बहावलपुर में नजरबंद किया गया है. वहीं, बाद में उनकी ओर से कहा गया कि उन्हें उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
अब यह किसी से छिपा नहीं है कि पिछले कुछ साल से जैश-ए-मोहम्मद ने अपने इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) हैंडलर्स के माध्यम से अफगान तालिबान के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे हैं, जिसकी वजह से उन्हें दक्षिण पंजाब के प्रांत, खैबर पख्तूनख्वा और संघ प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (FATA) से लगातार पाकिस्तानी रिक्रूट्स दिए जाते हैं.
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, तालिबान ने व्यावहारिक रूप से अफगानिस्तान के नंगहार प्रांत को जैश-ए-मोहम्मद को सौंप दिया है. ISI के निर्देश पर जैश-ए-मोहम्मद कैडरों खैबर एजेंसी से नंगहार और पाकिस्तान-अफगान सीमा पर पाराचिनार में ट्रांसफर कर दिया गया है.
नंगहार कैंप का इंचार्ज मसूद अजहर का भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर कश्मीरी है. तालिबान के सत्ता में आने के तुरंत बाद, मसूद को लगभग एक साल पहले देश में आखिरी बार देखा गया था. आधिकारिक तौर पर सुरक्षात्मक हिरासत में रखे जाने के बावजूद असगर को ISI ऑपरेटिव्स के साथ कई मीटिंग्स करते हुए देखा गया है.
निश्चित तौर पर ISI भारी पड़ी और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ तालिबान के लिए धन जुटाने और पाकिस्तान से अफगानिस्तान तक जिहादी (अल कायदा के सदस्यों सहित) की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के काम पर लगा दिया गया.
बाकी की बातें इतिहास हैं. लगभग निश्चित रूप से पाकिस्तान की सहायता से काबुल में अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी एक ड्रोन हमले में मारा गया. कुछ समय बाद इस्लामाबाद को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद मिली, इस मदद की पाकिस्तान को सख्त जरूरत थी. इस्लामाबाद का अगला उद्देश्य फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलना है, यह पाकिस्तान के वित्त पर विपरीत प्रभाव डालता है.
बिलावल भुट्टो को छोड़कर निश्चित तौर पर कोई इतना मासूम नहीं है कि यह विश्वास कर ले कि तालिबान इतनी आसानी से अपनी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संपत्ति को छोड़ देगा. अजहर के लिए ISI की देखभाल वाली सुविधायुक्त जगह से ज्यादा सुरक्षित कोई जगह नहीं है, जहां वह अब तक रह रहा है और फल-फूल रहा है.
जैसा कि देश भर में चल रही अटकलों में से एक का दावा है, मसूद पहले ही मर चुका है और इस्लामाबाद शानदार रणनीतिक अभियान को अंजाम देने की कोशिश करते हुए उसकी मौत से फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में चीन ने UNSC (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में अमेरिका और भारत द्वारा अब्दुल रऊफ अजहर को 'अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी' के रूप में नामित करने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी है. चलिए इंतजार करते हैं और देखते हैं.
(फ्रांसेस्का मैरिनो एक पत्रकार और दक्षिण एशिया एक्सपर्ट हैं, जिन्होंने B Natale के साथ Apocalypse Pakistan’ लिखा है. उनकी लेटेस्ट किताब Balochistan — Bruised, Battered and Bloodied’ है. वो @francescam63 पर ट्वीट करती हैं. यह एक ओपिनियन है और व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट उनके विचारों को न तो समर्थन करता है और न ही इसके लिए जिम्मेदार है.)
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