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ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) की अमीर भारतीय पत्नी अक्षता मूर्ति (Akshata Murthy) ने घोषणा की है कि वो पूरी दुनिया में हुई अपनी आय पर ब्रिटिश इनकम टैक्स देंगी. माना जा रहा है कि उनका यह यू-टर्न उस विवाद को खत्म करने के लिए लिया गया है जिसे कई लोगों ने विशेषाधिकारों का लाभ उठाकर ब्रिटेन में टैक्स देने से बचने के प्रयास के रूप में देखा था. हालांकि यह विवाद उनके पति के लिए राजनीतिक रूप से चुनौती बनकर आया है.
टैक्स से बचने के इस विवाद ने वित्त मंत्री ऋषि सुनक की राजनीतिक स्थिति को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाया है. वो भी उस समय जब उन्हें प्रधान मंत्री और कंजरवेटिव पार्टी के नेता के रूप में मुश्किलों का सामना कर रहे बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था.
इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति, जो अपने आप में सुपर-रिच हैं, ने शुक्रवार की देर रात एक बयान जारी किया. अपने बयान में उन्होंने कहा कि उन्होंने जो टैक्स नहीं दिया वह कानूनी तौर पर पूरी तरह से सही था लेकिन साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि कई लोगों ने उनके इस स्टेटस को वित्त मंत्री पति की भूमिका के साथ जोड़कर देखा.
अक्षता मूर्ति ने कहा कि वो दुनिया भर में अपनी सभी आय पर ब्रिटिश इनकम टैक्स देंगी, जिसमें बीता वित्तीय वर्ष भी शामिल है. अपने बयान में अक्षता मूर्ति ने यह भी साफ किया कि बावजूद इसके कि वह नॉन-डोमिसाइल स्टेटस (अनिवासी) के आधार पर इनकम टैक्स विशेषाधिकारों का दावा नहीं करेगी, वह इस स्टेटस को बनाये रखेंगी.
इसका मतलब यह है कि अक्षता यूके की औपचारिक रूप से नागरिक नहीं हैं और इसलिए अगर वो चाहें तो आम तौर पर विदेशों में अर्जित अपनी आय पर ब्रिटिश टैक्स का भुगतान नहीं करने का विकल्प चुन सकती हैं.
अक्षता मूर्ति का जन्म कर्नाटक में हुआ था और वो अभी भी एक भारतीय नागरिक हैं. कहा जाता है कि वो आगे किसी समय भारत लौटना चाहती हैं. उनके पति ऋषि सुनक का जन्म इंग्लैंड में हुआ था. ऋषि के माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से हैं और उनके दादा-दादी पंजाबी थे.
अक्षता मूर्ति और ऋषि सुनक की मुलाकात कैलिफोर्निया में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बिजनेस स्टूडेंट के रूप में हुई थी.
अक्षता ने अपने जारी बयान में कहा है कि "ऋषि ने हमेशा इस बात का सम्मान किया है कि मैं भारतीय हूं और मुझे अपने देश पर उतना ही गर्व है जितना कि उन्हें अपने देश पर"
बुधवार को ऋषि सुनक की राजनीतिक साख को उस समय बड़ा झटका लगा जब उनकी पत्नी के टैक्स स्टेटस को लेकर खबरें सामने आईं. ठीक उसी दिन टैक्स में वृद्धि प्रभावी हुई जिसे वित्त मंत्री सुनक ने महीनों पहले घोषित किया था.
लेबर पार्टी के विपक्षी नेताओं ने ऋषि सुनक को उनके कथित "जबरदस्त पाखंड" के लिए घेरा जो आम लोगों पर तो हाई टैक्स थोप रहे हैं जबकि उनकी धनी पत्नी टैक्स विशेषाधिकार का फायदा उठाती हुई दिखाई देत रही हैं, भले ही वह कितना भी कानूनी हो.
फरवरी में ऋषि सुनक को ब्रिटेन के होने वाले पहले भारतीय विरासत से जुड़े प्रधान मंत्री के रूप में देखा जा रहा था. पीएम ऑफिस पर बोरिस जॉनसन की पकड़ कमजोर होती दिख रही थी. बोरिस जॉनसन उन आरोपों की बाढ़ के बीच थे कि उन्होंने और उनके प्रमुख कर्मचारियों ने उन पार्टियों में भाग लिया था जो COVID-19 प्रोटोकॉल का खुलकर उल्लंघन करती थीं.
ऋषि सुनक ने अपनी पत्नी पर जिस तरह से सार्वजनिक हमले किए गए, उस पर गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने Sun newspaper को से कहा कि "मुझको घेरने के लिए मेरी पत्नी पर धब्बा लगाना भयानक है". उनके कुछ दोस्तों ने भी वित्त मंत्री के आगे प्रधानमंत्री बनने की संभावना को खत्म करने के लिए बनाई गई इस राजनीतिक "गंदी चाल" की शिकायत की.
ब्रिटिश टैक्सों का भुगतान करने के बारे में उनकी पत्नी अक्षता के यु-टर्न से दबाव भले ही कम होगा लेकिन यह ऋषि सुनक के राजनीतिक भाग्य को फिर से बहाल करने के लिए पर्याप्त नहीं है. एक बार जब एक बड़ा नेता अपने साफ-सुथरे होने की क्षवि को खो देता है तो फिर से उस प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करना मुश्किल होता है.
खैर इस पूरे एपिसोड के बाद कम से कम अब बोरिस सरकार के पास हाथ में अपनी आर्थिक मुश्किलों से निपटने के लिए ज्यादा पैसा होगा– अक्षता मूर्ति के यू-टर्न के लिए धन्यवाद- जिसमें ब्रिटेन अब उलझा हुआ है.
(एंड्रयू व्हाइटहेड BBC इंडिया के पूर्व संवाददाता हैं. यह एक ओपिनियन पीस है और यहां व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है.)
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