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2 जुलाई को दिल्ली-जबलपुर की स्पाइसजेट फ्लाइट (SpiceJet) में चढ़ने वाले यात्रियों ने देखा कि हवाई जहाज के केबिन में धुंआ उठ रहा है. 5 जुलाई को स्पाइसजेट की दूसरी फ्लाइट की विंडशील्ड उड़ान के बीच में चटक गई तो उसे मुंबई में उतारना पड़ा. उसी दिन स्पाइसजेट की दिल्ली-दुबई उड़ान को कराची की तरफ मोड़ दिया गया, जबकि चीन जाने वाले उसी एयरलाइन के एक मालवाहक प्लेन को कोलकाता वापस लाना पड़ा क्योंकि उसके मौसम रडार में खराबी आ गई थी.
ये झटके उन 13 हादसों में शुमार हैं जो पिछले 10 महीनों के दौरान दर्ज किए गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि पिछले 10 महीनों के दौरान दर्ज किए गए 13 में से आठ हादसों में विवादास्पद बोइंग 737 मैक्स और बोइंग 737 जहाज शामिल हैं.
क्या यह चेतावनी की घंटी है? क्विंट ने यह समझने के लिए कई एक्सपर्ट्स से बात की कि स्पाइसजेट के साथ आखिर क्या हो रहा है?
सितंबर 2021 में स्पाइसजेट की ऑडिट रिपोर्ट में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने यह खुलासा किया था कि एयरलाइन में पैसे की बहुत किल्लत है- और वहां रखरखाव के काम की हालत चिंताजनक है.
इसके अलावा 6 जुलाई, बुधवार को स्पाइसजेट को भेजे कारण बताओ नोटिस में डीजीसीए ने कहा कि, “एयरक्राफ्ट नियम, 1937 के तहत स्पाइसजेट सुरक्षित, कारगर और भरोसेमंद हवाई सेवाएं देने में नाकाम रहा है.”
उसने कहा- ''यह पाया गया है कि स्पाइसजेट ने अपने कंपोनेंट सप्लायर्स को नियमित रूप से भुगतान नहीं किया है, जिससे उसके पास स्पेयर पार्ट्स की जबरदस्त कमी है.''
उन्होंने कहा, "हालांकि यह चुनौती कितनी गंभीर है, इसे समझने के लिए हमें कारण बताओ नोटिस पर स्पाइसजेट के जवाब का इंतजार करना होगा."
समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजय सिंह अब तक इस बात से इनकार करते आए हैं कि हाल की खराबी का स्पेयर पार्ट्स की कमी से कोई लेना-देना था.
सीनियर जर्नलिस्ट एन माधवन का मानना है, बजट एयरलाइन्स, या कम कीमत वाली एयरलाइन्स- के दौर में एविएशन कंपनियां लागत में कटौती कर रही हैं और उसका असर उनके रखरखाव पर पड़ रहा है. वह कहते हैं, ज्यादातर एयरलाइन्स बजट नियंत्रण पर काम कर रही हैं, खास तौर से महामारी के अतिरिक्त दबाव के साथ.
माधवन के मुताबिक, “लागत कम करने के कारण, रखरखाव को अनदेखा कर दिया जाता है. हालांकि सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जाता, लेकिन यह एक कैलकुलेटेड रिस्क होता है. अगर आपके सामने कोई सस्ता सौदा रखता है तो आप उसे उठा लेते हैं.”
एयरलाइन की वित्तीय समस्या तो स्पष्ट कारण है, लेकिन डीजीसीए की लापरवाही भी एक छिपी हुई वजह है.
अर्न्स्ट एंड यंग में बिजनेस और मार्केट्स एक्सपर्ट प्रोसेनजीत दत्ता का मानना है कि यह रेगुलेटरी संस्था पूरी तरह से सतर्क नहीं है.
उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय की भूमिका की तरफ इशारा किया और कहा कि सुरक्षा से संबंधित मामलों में उसकी सक्रिय भागीदारी की जरूरत है, खास तौर से अब जब टाटा ने एयर इंडिया को टेकओवर कर लिया है और कोई राष्ट्रीय एयरलाइन नहीं है.
हालांकि डीजीसीए और स्पाइसजेट को बेहतर प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए एक साथ काम करने की जरूरत है, लेकिन पटेल का कहना है कि जिन घटनाओं को दर्ज किया गया है, वे एयरलाइंस में बहुत आम हैं- और 'खतरनाक' नहीं हैं.
वह कहते हैं, जैसे-जैसे ज्यादा से ज्यादा लोग उड़ान भर रहे हैं, उनमें जागरूकता भी बढ़ रही है. इसके चलते एयरलाइन्स में इन हादसों को ज्यादा बड़ी संख्या में दर्ज किया जा रहा है. लेकिन इस संबंध में दहशत बेबुनियाद है.
इस बीच माधवन कहते हैं कि अगर कोई यह मानता है कि ऐसे हादसे हर एयरलाइंस में होते हैं तो उसे यह समझना होगा कि इन्हें "छिपाना मुश्किल" है क्योंकि जो यात्री हवाई जहाज में सवार होते हैं वे आम तौर पर सोशल मीडिया पर इस बात को फैलाते हैं.
ध्यान दें कि रायपुर-इंदौर इंडिगो की उड़ान में मंगलवार, 5 जुलाई को धुएं का पता चला था, और उसी दिन इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद बैंकॉक-दिल्ली विस्तारा की उड़ान का इंजन फेल हो गया था.
सिर्फ तीन हफ्ते पहले, 20 जून को, गुवाहाटी-दिल्ली से चलने वाली इंडिगो की एक और उड़ान, टेकऑफ के बाद एक संदिग्ध पक्षी के टकराने के कारण गुवाहाटी हवाई अड्डे पर लौट आई थी.
ये हादसे बोइंग का मुद्दा नहीं हैं. पटेल के मुताबिक, यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने दिसंबर 2020 में बोइंग 737 मैक्स को फिर से सर्टिफाई किया, और अगस्त 2021 में डीजीसीए ने "कई जांच और ऑडिट" के बाद ही उसे मंजूरी दी.
ऑपरेटिंग बोइंग 737 फ्लीट का इस्तेमाल विश्व स्तर पर कम लागत वाले करियर (एलसीसी) और फुल सर्विस करियर (एफएससी) करते हैं. वह कहते हैं, "हमें बोइंग 737 मैक्स के ऑपरेशंस में कोई समस्या नजर नहीं आती."
दो घातक दुर्घटनाओं– एक, 2019 में अदीस अबाबा के पास इथियोपियन एयरलाइंस 737 मैक्स विमान और दूसरी, इंडोनेशिया में लॉयन एयर संचालित 737 मैक्स करियर- के बाद एविएशन रेगुलेटर ने 737 मैक्स विमानों के संचालन को रोक दिया था. इन दुर्घटनाओं में दोनों विमानों में सवार सभी 157 और 189 लोग मारे गए थे.
हालांकि, डीजीसीए ने 2021 में इन करियर्स को फिर से उड़ान भरने की अनुमति देते हुए पिछले प्रतिबंध को रद्द कर दिया था.
इसके अलावा मार्च 2022 में चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस की दुर्घटना के बाद - जिसमें सभी 132 लोग मारे गए थे- डीजीसीए ने सभी बोइंग 737 को "अत्यधिक निगरानी (एनहांस्ड सर्विलांस)" के तहत रखा. इसके बाद से बोईंग 737 का हर हफ्ते ऑडिट होता है.
हालांकि, स्पाइसजेट ने डीजीसीए और बाकी सभी के आरोपों को खारिज कर दिया है.
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Published: 12 Jul 2022,06:14 PM IST