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अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन शपथ लेने के बाद से ही एक्शन मोड पर आ गए हैं. उन्होंने ट्रंप के कई निर्णयों को पलटते हुए विभिन्न मुद्दों पर फैसले लिए है. उन्हीं में से सबसे अहम है कोरोना महामारी का नियंत्रण. आइए जानते हैं कैसे बाइडेन कोरोना की रणनीति को युद्धनीति में बदलते हुए कार्य कर रहे हैं.
जो बाइडेन की प्राथमिकता में इस समय सबसे टॉप पर कोरोना से अमेरिकियों का बचाव करना है. कोविड 19 के प्रति वे कितने गंभीर है यह उनके भाषण और शपथ ग्रहण के बाद लिए गए निर्णयों में दिखता है. इस समय राष्ट्रपति की सर्वोच्च नीति महामारी से जुड़ी हैं. शपथ के बाद बाइडेन भाषण के दौरान कुछ पल के लिए उन लोगों के लिए मौन रखा था, जिन्होंने कोरोना वायरस के कारण जान गंवा दी हैं.
भाषण में उन्होंने कहा था कि आने वाले हफ्तों में वो गति और तत्परता के साथ आगे बढ़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि "हमारे पास आपदा के इस समय में बहुत कुछ करना है, महत्वपूर्ण संभावनाएं हैं, सुधार करने के लिए बहुत है और हमें बहुत कुछ हासिल करना है.'
पद संभालने के बाद ऑफिस पहुंचे बाइडेन, कोविड महामारी के नियंत्रण से जुड़े लिए निर्णय जो बाइडेन शपथ ग्रहण करने के बाद ओवल ऑफिस पहुंचे और कई अहम मुद्दों पर फैसला करते हुये उन पर हस्ताक्षर भी कर दिए. उन अहम निर्णयों में कोविड महामारी नियंत्रण और विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO से अलग न होने का फैसला भी शामिल है.
• मास्क को फेडरल प्रॉपर्टी घोषित किया गया.
• बाइडेन का पहला आदेश 100 दिन मास्क लगाने का है, जिसमें देश की जनता से 100 दिनों तक मास्क लगाने की अपील की गई है.
• डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कोरोना संकट के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपना नाता तोड़ लिया था. अब बाइडेन ने इस फैसले को पलट दिया है.
• बाइडेन के एक और आदेश के तहत संघीय दफ्तरों में कर्मचारियों के लिए शारीरिक दूरी और मास्क लगाना अनिवार्य हो गया है.
• कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक संकट झेल रहे लोगों की आर्थिक मदद का ऐलान भी किया गया है.
• बाइडेन ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक नया संघीय समन्वय कार्यालय बनाया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जो बाइडेन के विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ संबंध फिर से स्थापित करने के फैसले का स्वागत किया है. नई अमेरिकी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की कोवैक्स सुविधा में भी शामिल होने का ऐलान किया है. इस पर गुटेरेश का कहना है कि “ये समय एकता दिखाने का है और इस वायरस और इसके विनाशकारी परिणामों को रोकने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक साथ मिलकर एकजुटता के साथ काम करने का है.”
• विश्व स्वास्थ्य संगठन की कोवैक्स सुविधा एक ऐसा वैश्विक प्रयास है, जिसका उद्देश्य कम आय वाले देशों को कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराना है.
• अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन को सबसे अधिक वित्तीय सहायता देने वाला देश है. वर्ष 2018-2019 के दौरान इस एजेंसी के कार्यक्रमों के लिये अमेरिका का वित्तीय योगदान लगभग 89 करोड़ 30 लाख डॉलर था.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक बाइडेन अपना पहला पूरा दिन ऑफिस में ही बिताया और गुरुवार को ही उन्होंने कोरोना महामारी की रोकथाम से जुड़े रणनीतिक डॉक्यूमेंट को प्रस्तुत किया. 200 पेज वाले इस दस्तावेज का शीर्षक “National Strategy for the Covid-19 Response and Pandemic Preparedness” है. इस विस्तृत दस्तावेज की एक समरी बुकलेट भी जारी की गई जो 21 पेजों की है. इस दस्तावेज में श्रमिकों को महामारी से बचाने, एडवांस रेसियल इक्यूटी और टेस्टिंग किट व वैक्सीन की मैन्यूफैक्चरिंग और सप्लाई में आक्रामक तरीके से काम करने पर जोर देने की बात कही गई है.
1. अमेरिकी लोगों में पुन: विश्वास पैदा करना.
2. सेफ, इफेक्टिव और कॉम्प्रीहैन्सिव वैक्सीनेशन अभियान.
3. मास्किंग, टेस्टिंग, डाटा, ट्रीटमेंट, हेल्थकेयर वर्कफोर्स और स्पष्ट पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड.
4. इमरजेंसी रिलीफ का तुरंत विस्तार और डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट की एक्सरसाइज.
5. श्रमिकों को सुरक्षित रखते हुए सुरक्षित तरीके से स्कूल, बिजनेस और ट्रैवल को फिर से शुरू करना.
6. शहरी और ग्रामीण परिवेश में रहने वाले ऐसे लोगों की रक्षा करना जो ज्यादा जोखिम में हैं और नस्लीय भेदभाव जैसी समस्या का सामना करते हैं.
7. अमेरिकी नेतृत्व को फिर से वैश्विक स्तर पर स्थापित करना और भविष्य के खतरे को देखते हुए इसके लिए बेहतर उपाय तैयार करना.
बाइडेन अमेरिका में डिफेंस प्रोडक्शन एक्ट का प्रयोग करना चाहते हैं, ताकि देश में वैक्सीन सप्लाई में तेजी आए और 100 टीकाकरण केंद्र स्थापित किया जा सके. इस एक्ट से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट और वैक्सीन आपूर्ति के लिए अत्यावश्यक सप्लाई पर जोर दिया जाएगा.
• 100 दिनों के अंदर सुरक्षित स्कूल रीओपन करना.
• स्टेडियम और सामुदायिक सुविधा केंद्र में वैक्सीन सेंटर स्थापित करना.
• स्टेट और लोकल ऑफिसियल्स को महामारी से निपटने के लिए ज्यादा फंड देना.
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