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जिस लॉन्जरी ब्रैंड की दुकान का इंटीरियर कभी 19वीं शताब्दी के ब्रिटिश ब्रॉथल्स यानी चकले की तर्ज पर बना हो, वहां आज क्रांति हो रही है. अमेरिका का मशहूर लॉन्जरी और क्लोथिंग रीटेलर विक्टोरियाज सीक्रेट(Victoria’s Secret) अपनी छरहरी मॉडल्स एंजेल्स यानी अप्सराओं को छोड़कर ‘रियल’ औरतों पर ध्यान दे रहा है. जो अपनी उपलब्धियों की वजह से जानी जाती हैं, अपनी शारीरिक बनावट की वजह से नहीं. इनमें से कुछ हैं, मशहूर फुटबॉल खिलाड़ी मेगन रैपीनो(Megan Rapino), चाइनीज स्कीयर एलीन गूअ(Eileen Gu), मॉडल पलोमा एसलर(Paloma Elsesser) और हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्टर प्रियंका चोपड़ा जोनस(Priyanka Chopra Jonas) जोकि टेक इनवेस्टर भी बन चुकी हैं.
लॉन्जरी और ब्यूटी इंडस्ट्री में पुरुषों का ही प्रभुत्व है, और विक्टोरियाज सीक्रेट इसमें कोई अपवाद नहीं है. विक्टोरियाज सीक्रेट, केल्विन क्लाइन, एजेंट प्रोवोकेटियर, एडोर मी- सभी इंटरनेशनल ब्रैंड्स के सीईओ पुरुष हैं. बिजनेस ऑफ फैशन सर्वे का कहना है कि सिर्फ 40% विमेनवियर फैशन ब्रांड्स को औरतें डिजाइन करती हैं और 50 बड़े फैशन ब्रांड्स में से सिर्फ 14% को महिलाएं चलाती हैं. लॉन्जरी इंडस्ट्री तो और भी बदहाल है. यहां मार्केटिंग इस बात के इर्द-गिर्द की जाती है कि पुरुष लॉन्जरी के बारे में क्या सोचते हैं- जो घुमा फिराकर सिर्फ एक बात पर पहुंचता है, यानी सेक्स. जबकि औरतें 99% बार यही कहती हैं कि इनटिमेट वियर पहनने के समय उनके दिमाग में आदमियों को ललचाना नहीं होता. उनके लिए आराम, अच्छा महसूस करना, ज्यादा मायने रखता है.
विक्टोरियाज सीक्रेट ने काफी लंबे समय तक इसी तर्ज पर काम किया है. औरतों और लड़कियों को बेपरवाह-बेलिहाज और हाइपरसेक्सुअल दिखाया है, और मशहूर पत्रकार और फेमिनिस्ट लेखिका मोरिआ डोनेगन का कहना है कि इसने सेक्सुअल एब्यूज और उसके लिए सजा से छुटकारे की संस्कृति को मजबूत किया है. अमेरिका के सेक्स अपराधी जेफरी एप्सटीन से विक्टोरियाज सीक्रेट के रिश्ते जगजाहिर हैं.कैसे कंपनी के मालिक लेस वेक्सनर ने एप्सटीन के किसी अपराध पर कोई ऐतराज नहीं दर्शाया. एप्सटीन और कंपनी, दोनों ही सेक्सुएलिटी की एक सी भावना से प्रेरित रहे हैं.
हां, दोनों का एक ही मकसद था, एक का आपराधिक, दूसरे का कमर्शियल. चूंकि विक्टोरियाज सीक्रेट का स्टोर इसी उद्देश्य से शुरू किया गया था कि पुरुष निश्चिंत होकर लॉन्जरी की शॉपिंग कर सकें. फिर 1995 में उसने अपने फैशन शो में पोल डांस तक रखा था जिसे नेटवर्क टेलीविजन पर दो दशकों तक बार बार दिखाया गया.
पर विक्टोरियाज सीक्रेट अब अपने इतिहास को छोड़, नई कहानी लिखने की कोशिश कर रहा है. इसमें गलत भी क्या है? प्रतिस्पर्धी कंपनियों ने जब खुद को एंटी विक्टोरियाज सीक्रेट शैली में मार्केट करना शुरू कर दिया जो हर तरह की शारीरिक बनावट वाली महिलाओं का ध्यान रखने लगी थीं, तो विक्टोरियाज सीक्रेट ने दो साल पहले प्लस साइज मॉडल्स को हायर किया. पर बात बनी नहीं. इसीलिए एंजेल्स को सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक न बताकर कंपनी नए चेहरों को लेकर आई है.
लेकिन उसकी असलियत कई बार साफ हो जाती है. पिछले साल भारत में एक ताकतवर ब्रांड ने हुल्लड़बाजियों के आगे घुटने टेक दिए थे. वह सोने के साथ साथ इश्क भी बेच रहा था. और इश्क के ख्याल से अब देश में लोग भड़कने लगते हैं. खैर!
अगर कॉरपोरेट वर्ल्ड महिलाओं के सशक्तीकरण की बात करता है तो हमें क्या परेशानी है? क्योंकि असली दुनिया की औरतों का हक मारकर, आप अपनी महिला ग्राहकों को शक्ति संपन्न नहीं कर सकते. सच्चाई यह है कि दुनिया में गारमेंट इंडस्ट्री ऐतिहासिक रूप से महिला प्रधान रही है.
विक्टोरियाज सीक्रेट की जोर्डन स्थित सब कॉन्ट्रैक्ट फैक्टरी पर ऐसे ही आरोप लग चुके हैं जोकि बिना परमिट के दूसरे देशों के मजदूरों से काम करवा रही थी, और उनसे 3.3 मिनट में एक बिकनी सिलवाकर चार सेंट मजदूरी दे रही थी. इसके बदले एक बिकनी औसत 14 डॉलर की बेच रही है. अब कोविड-19 महामारी ने हालात खराब किए हैं. रीटेलर्स ने अपने ऑर्डर कम या कैंसिल कर दिए हैं. इससे लाखों गारमेंट वर्कर्स को तनख्वाहें नहीं मिली हैं. बहुत सी बेरोजगार हो गई हैं.
अब सवाल यह है कि क्या इस सबके बावजूद विक्टोरियाज सीक्रेट के इस बदलाव को लोग हाथों हाथ लेंगे? बेशक, सुंदरता के मायने पूरी दुनिया में बदल रहे हैं. उन्नीसवीं शताब्दी के विक्टोरियन ड्रेस रिफॉर्म मूवमेंट ने अब बॉडी पॉजिटिविटी अभियान का रूप ले लिया है. विक्टोरियन ड्रेस रिफॉर्म मूवमेंट में औरतें कह रही थीं कि उन्हें कोरसेट जैसे कपड़ों में खुद को फंसाने के लिए अपनी शारीरिक संरचना को बदलने की जरूरत नहीं.
बॉडी पॉजिटिविटी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खूब तवज्जो मिल रही है जिसमें फेमिनिन ब्यूटी के सच्चाई से कोसों दर मानदंडों को चुनौती दी जा रही है. मॉडल और फेमिनिस्ट टेस हॉलिडे ने @@EffYourBeautyStandards को शुरू किया. इसके बाद हॉलिडे मिल्क मैनेजमेंट जैसी मॉडल एजेंसी के लिए पहली साइज 20 मॉडल बनीं. धीरे धीरे सोशल मीडिया को इस अभियान के प्लेटफॉर्म के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका असर बाजार पर भी पड़ा है.
ऐसे में विक्टोरियाज सीक्रेट को ही नहीं, लगभग सभी ब्यूटी और एपेरल कंपनियों को खुद को बदलना होगा. कोविड-19 ने लोगों को सामाजिक निगाहों से दूर किया है. लोगों ने अपने लिए ‘तैयार’ होने की शुरुआत की है, और परंपरागत मानदंडों को कंधों से झाड़कर फेंकने की भी.
सुंदरता से हमारा संबंध भी पहले से ज्यादा व्यक्तिगत हुआ है. यह च्वाइस ज्यादा है, मजबूरी कम. लेखिका और एक्टिविस्ट अरुंधती रॉय ने एक इंटरव्यू में कहा था कि महामारियां एक दुनिया से दूसरी दुनिया के बीच गेटअवे का काम करती हैं. अब देखना यह है कि क्या विक्टोरियाज सीक्रेट जैसी कंपनियां दो दुनिया की जरूरतों को समझकर नए कदम बढ़ाएंगी? इसे उसके उपभोक्ता कैसे लेंगे, जो एक इंटिमेट वियर की खरीद के लिए तीन से चार हजार के बीच खर्चते हैं.
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