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ब्रेग्जिट के मसले पर ब्रिटेन ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) से बाहर जाने का अपना मत स्पष्ट कर दिया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है और अक्टूबर तक नए प्रधानमंत्री की बात कह दी है. इसके संकेत काफी गहरे हैं.
ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने के साथ ही जनता ने स्पष्ट कर दिया है की अपने बॉर्डर की सुरक्षा को वो किसी भी तरह के आर्थिक फायदे-नुकसान से ज्यादा महत्वपूर्ण समझते हैं. यह एक तरह का संकीर्ण रवैया भी दर्शाता है कि वो अपने बॉर्डर को बंद कर देना चाहता है. ब्रिटेन नहीं चाहता कि ईयू के गरीब देशों जैसे स्पेन, पुर्तगाल से रोजगार के लिए आने वाले नागरिकों को ब्रिटेन में ठिकाना मिले.
ब्रिटेन को ईयू में रहने से फायदा था. ब्रिटेन की जनता ने आर्थिक क्षेत्र के बड़े हेडक्वार्टर जो लंदन में हैं इन सब को दरकिनार कर एक राजनीतिक सच्चाई को अहमियत दी है. नागरिकता के सवाल पर उसके खुले बॉर्डर से जो मुद्दे उठते हैं उसे महत्वपूर्ण और अहम समझा है. उसने साफ कर दिया है कि उसके लिए आर्थिक नहीं बल्कि राजनीतिक मुद्दे अहम हैं.
आप मनीषा प्रियम की राय नीचे गए Soundcloud क्लिप में सुन सकते हैं.
नोट- मनीषा प्रियम जानी मानी राजनीतिक समीक्षक, रिसर्चर और शिक्षाविद् हैं. मनीषा ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स से इकॉनामी में पॉलिटिकल साइंस में डॉक्टरेट किया है. आप मनीषा प्रियम से उनके ट्विटर हैंडल @priyam_manisha पर जुड़ सकते हैं.
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Published: 24 Jun 2016,02:41 PM IST