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आज से रिटेल इन्वेस्टरों के लिए भारत सरकार के दूसरे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भारत 22 ईटीएफ का एनएफओ खुल गया है. ये तीन दिनों यानी 17 नवंबर तक खुला रहेगा. अगर आप इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको भारत 22 ईटीएफ से जुड़ी 11 अहम बातें जरूर जान लेनी चाहिए.
भारत 22 ईटीएफ में 22 अलग-अलग कंपनियों के स्टॉक हैं. इस ईटीएफ का मैनेजमेंट आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल एसेट मैनेजमेंट कंपनी कर रही है. इसका बेंचमार्क है एसएंडपी बीएसई भारत 22 इंडेक्स जिसमें वही 22 कंपनियां हैं जिनसे भारत 22 ईटीएफ बना है. ईटीएफ में निवेशक जो पैसे लगाएंगे, वो उन 22 कंपनियों में उसी अनुपात में लगाए जाएंगे जिस अनुपात में उन कंपनियों का वेटेज एसएंडपी बीएसई भारत 22 इंडेक्स में है.
भारत 22 ईटीएफ के स्टॉक्स 6 सेक्टरों से हैं- इंडस्ट्रियल्स, एनर्जी, यूटिलिटीज, बैंकिंग एंड फाइनेंस, एनर्जी और एफएमसीजी. इनमें 16 सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज यानी सीपीएसई हैं और 3 सरकारी बैंक हैं. बची 3 कंपनियां वैसी हैं जिनमें स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूटीआई के जरिए केंद्र सरकार ने निवेश किया है. ये हैं- आईटीसी, एलएंडटी और एक्सिस बैंक. किसी शेयर में अधिकतम निवेश 15 फीसदी और किसी सेक्टर में अधिकतम निवेश 20 फीसदी किया जाएगा. 3 प्राइवेट कंपनियों के अलावा भारत 22 ईटीएफ की प्रमुख कंपनियां हैं एसबीआई, ओएनजीसी, बीईएल, इंडियन ऑयल, कोल इंडिया, भारत पेट्रोलियम और गेल.
जो निवेशक भारत 22 ईटीएफ के न्यू फंड ऑफर में पैसे लगाएंगे, उन्हें ईटीएफ के यूनिट 3 फीसदी डिस्काउंट पर मिलेंगे. ये डिस्काउंट होगा रेफ्रेंस मार्केट प्राइस पर और इसकी गणना बीएसई पर 15 नवंबर से 17 नवंबर के बीच शेयरों के पूरे दिन के वॉल्यूम वेटेड प्राइस का औसत निकालकर होगी.
भारत 22 ईटीएफ का एक्सपेंस रेश्यो काफी कम रखा गया है. आईसीआईसीआई प्री म्यूचुअल फंड की वेबसाइट के मुताबिक लिस्टिंग के बाद 3 साल तक इस ईटीएफ का एक्सपेंस रेश्यो होगा 0.0095% यानी 1 लाख रुपए के निवेश पर म्यूचुअल फंड कंपनी सिर्फ 95 रुपए ही खर्च के तौर पर आपसे लेगी. किसी भी म्यूचुअल फंड का रिटर्न तय करने में एक्सपेंस रेश्यो की अहम भूमिका होती है, इसलिए कम एक्सपेंस रेश्यो भारत 22 ईटीएफ के लिए एक प्लस प्वॉइंट है.
आप इसके एनएफओ में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन ये याद रखें कि आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. अगर आपके पास डीमैट अकाउंट नहीं होगा तो आपकी अर्जी खारिज कर दी जाएगी.
रिटेल निवेशकों को कम से कम 5,000 रुपए का निवेश भारत 22 ईटीएफ में करना होगा. निवेश की अधिकतम सीमा है 2 लाख रुपए. एक निवेशक को एक से ज्यादा अर्जी नहीं देनी चाहिए. अगर एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट के जरिए एक से ज्यादा अर्जी दी जाती है और कुल एप्लिकेशन वैल्यू 2 लाख रुपए से ज्यादा होती है तो उसे खारिज कर दिया जाएगा.
एनएफओ की अवधि खत्म होने के बाद 5 कारोबारी दिनों के भीतर आवेदकों को भारत 22 ईटीएफ के यूनिट मिल जाएंगे. ये यूनिट सीधे डीमैट अकाउंट में आएंगे. याद रखें कि भारत 22 ईटीएफ के यूनिट सिर्फ डीमैट फॉर्म में मिलेंगे, फिजिकल फॉर्म में नहीं.
सभी सही आवेदकों को यूनिट अलॉट होने के 5 कारोबारी दिनों के भीतर भारत 22 ईटीएफ की लिस्टिंग बीएसई और एनएसई पर की जाएगी. इनकी लिस्टिंग के बाद इनमें उसी तरह से ट्रेडिंग की जा सकेगी जैसे किसी शेयर में की जाती है. लिस्टिंग के बाद आप चाहें तो एनएफओ में अलॉट हुए यूनिटों को बेच सकते हैं, या फिर ज्यादा खरीद भी कर सकते हैं
वैसे तो ऐसा होने की आशंका बेहद कम है कि किसी आवेदक को कोई यूनिट ना मिले. अगर आवेदन में कोई कमी नहीं है तो हर आवेदक को यूनिट मिलेंगे ही. अगर एनएफओ इश्यू ओवरसब्सक्राइब होता है तो यूनिट आए हुए आवेदनों के अनुपात में मिलेंगे.
इसमें निवेश पर टैक्स के वही नियम लागू होंगे, जो इक्विटी शेयरों या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश पर लागू होते हैं. एक साल से कम समय तक निवेश किया तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन या लॉस माना जाएगा. एक साल से ज्यादा समय तक निवेश किया तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या लॉस होगा. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन होने पर 15% टैक्स और सरचार्ज देना होगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
इस ईटीएफ में जोखिम उतना ही है जितना किसी भी सामान्य इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश पर होता है. एनएफओ के ब्रोशर में इसे ‘हाई रिस्क’ कैटेगरी में डाला गया है. जानकारों के मुताबिक भारत 22 ईटीएफ उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जो लंबे समय तक निवेश बनाए रख सकते हैं. इसलिए अगर आप कम से कम 3-5 साल तक निवेश का नजरिया रख रहे हों तभी भारत 22 ईटीएफ में पैसे लगाएं.
(धीरज कुमार जाने-माने जर्नलिस्ट हैं. इस आर्टिकल में छपे विचार उनके अपने हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है)
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