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‘स्‍वच्‍छ भारत’ से ज्‍यादा जरूरी प्राइमरी एजुकेशन पर ध्‍यान देना

भारत के नाम लिखे खत में राजेश ने ये इच्छा की है जाहिर

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मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि हमारे देश को आज जितने ‘स्‍वच्‍छ भारत’ अभियान की जरूरत नहीं है, उतनी जरूरत प्राइमरी एजुकेशन को बदलने की है
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मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि हमारे देश को आज जितने ‘स्‍वच्‍छ भारत’ अभियान की जरूरत नहीं है, उतनी जरूरत प्राइमरी एजुकेशन को बदलने की है
(फोटो: Harsh Sahani/The Quint)

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डियर इंडिया,

मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि हमारे देश को आज जितने 'स्‍वच्‍छ भारत' अभियान की जरूरत नहीं है, उतनी जरूरत प्राइमरी एजुकेशन को बदलने की है.

कोई शक नहीं कि 'स्वच्‍छ भारत' अभियान से देश बदल रहा है. ये हम सबका नैतिक दायित्‍व है कि हम सब अपने देश को स्वच्‍छ रखें, जैसे हम अपने घरों को रखते हैं. लेकिन अभी हमारा प्राइमरी एजुकेशन सिस्टम इतना खराब है कि आज की पीढ़ी जो कुछ भी सीख रही है, वो सिर्फ सेकेंड्री या हायर सेकेंड्री में ही सीख रही है.

मेरा मानना है कि प्राइमरी एजुकेशन से ही भारत का इतिहास, एंटरप्रेन्‍योर जैसे विषय पढ़ाए जाने चाहिए. न सिर्फ ऐसे विषय पढ़ाए जाने चाहिए, बल्कि उसके बारे में प्रैक्‍ट‍िकल नॉलेज भी देना चाहिए.

और भी कई तरीके हैं, जिनसे हम अपनी प्राथमिक शिक्षा बेहतर बना सकते हैं. आज तक हमने जितने पैसे कचरे पर बर्बाद किए हैं, अगर प्राइमरी एजुकेशन पर किए होते, तो आज हमारे देश का नागरिक कोई भी एग्‍जाम आसानी से पास कर लेता और उसमें ज्यादा स्किल होती.

मैं आशा करता हूं कि हमारे देश का प्राइमरी एजुकेशन विदेश की तरह मजबूत हो, जो भारत के भविष्य को जड़ से मजबूत बनाए.

जय भारत,
राजेश नायक

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