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सेवा में
कुलपति,
पुणे विश्वविद्यालय,
महाराष्ट्र
विषय: शाकाहारी गोल्ड मेडल
माननीय कुलपति जी,
मुंह, नाक और कान में हरे पत्ते डालकर कर प्रणाम!
जैसे ही मुझे पता चला कि आपने पुणे यूनिवर्सिटी में सिर्फ शकाहारी और फुल टाइम मदिरा त्यागी विद्यार्थियों को ही गोल्ड मेडल देने का फैसला किया है, मैं खुशी के मारे झूम उठा. मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि आखिरकार मेरे माता पिता का बरसों का सपना पूरा होगा और उनके कुलदीपक यानी की मुझे गोल्ड मेडल मिलेगा.
मैं आपकी पुणे यूनिवर्सिटी का वफादार स्टूडेंट हूं, पिछले 7 साल में थर्ड ईयर में हूं और जहां तक परीक्षा में नंबर लाने की बात है तो प्रोफेसरों की दया दृष्टि के चलते मैं खींचतान के पास हो ही जाता हूं. बेशक मेरी कक्षा में सारे विद्यार्थी मुझसे पढ़ने में तेज हों लेकिन आपकी दया से इस बार गोल्ड मेडल मुझे ही मिलेगा, क्योंकि पढ़ने लिखने में तेज होने के साथ-साथ मेरी क्लास के सारे विद्यार्थी या तो मांसाहारी हैं या फिर मदिरा चूसक हैं. एक सिर्फ मैं ही अकेला शाकाहारी, शरबतखोर स्टूडेंट हूं और गोल्ड मेडल का बाय डिफॉल्ड इकलौता हकदार हूं.
कुलपति जी, आखिरकार इन मासांहारी मदिराचूसक स्टूडेंट्स को जीव हत्या का दंड मिल ही गया और ये सब आपके सौजन्य से है. आप महान हैं! अब चूंकि आपने सही फैसले लेना शुरु कर ही दिया है, मेरे पास कुछ और भी सुझाव हैं जिन्हें अगर आप शीघ्र लागू कर दें तो वो दिन दूर नहीं जब आपकी और पुणे यूनिवर्सिटी की बातें मंगल ग्रह पर भी होंगी.
1. सबसे पहले तो यूनिवर्सिटी में दाखिले की प्रक्रिया सही करें, मार्क्स के बलबूते पर तो हर कोई घुस सकता है, आप गोत्र और वंशप्रणाली (मतलब की आपके डैडी कौन हैं) के हिसाब से एडमिशन दीजिए.
2. यूनिवर्सिटी में नॉनवेज खाना कोई न खाय इसके लिए सारे स्टूडेंट्स के स्व:दंत मतलब नूकीले दांत निकलवा दें.
3. ऐसा देखा गया है कि यूनिवर्सिटी में कई लड़के लड़कियां एक दूसरे के काफी करीब हो जाते हैं, एक दूसरे की सांस में सांस लेने लगते हैं. इस समस्या से निजात पाने के लिए जुलाई के एडमिशन के बाद राखी और भाई दूज के त्यौहारों में फ्रेशर पार्टी आयोजित कराएं और सभी लड़कों के हाथ में लड़कियों के द्वारा यूनिवर्सिटी प्रमाणित राखी और माथे पे यूनिवर्सिटी का स्टेंप लगवाएं.
4. विश्वविद्यालय की सेहत को सही करने के लिए हर लेक्टर से पहले प्रोफेसर और छात्रों को एक योगा आसन करना अनिवार्य है. आसन सही से न कर पाने वालों की एक अलग डिफॉल्टर लिस्ट निकालें और पेनल्टी लगाएं.
5. यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में प्रदूषण रोकने के लिए आप Odd-Even प्रक्रिया का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. जिन स्टूडेंट्स का रोल नंबर Even है वो महीने के Even दिनों में ही आएं और Odd रोल नंबर वाले Odd दिनों में आएं.
6. फर्जी मार्कशीट की मुसीबत को दूर करने के लिए हर साल का रिजल्ट विद्यार्थियों को हाथों पे टैटू करवाएं. इससे कागज की भी बचत होगी और स्टूडेंट्स रिइवेल्युवेशन के लिए भी जिद्द नहीं करेंगे.
कुलपति जी, सुझाव तो मेरे पास और भी हैं लेकिन अभी मुझे कल की परीक्षा के लिए मन्नत मांगने जाना है और स्लेटी कुत्ते पे पीला कपड़ा बांधने जाना है, इसलिए बाकी सुझाव जब गोल्ड मेडल लेने आउंगा तब बताउंगा.
आपका आज्ञाकारी शिष्य,
अनंत
P.S. मुझे पूरा यकीन है कि अगर आप ऐसे नियम बनाते गए तो एक दिन आप देश के मंत्री जरूर बन जाएंगे.
(रिपोर्टों के मुताबिक पुणे यूनिवर्सिटी में छात्रों को गोल्ड मेडलिस्ट होने के लिए कुछ शर्तें तय की गई थीं. इनमें गोल्ड मेडलिस्ट के लिए शाकाहारी होने और शराब पर पाबंदी जैसी शर्तें शामिल थीं. अगर कोई कैंडिडेट इन शर्तों का पालन नहीं करता है, तो सबसे ज्यादा नंबर लाने या मेरिट में शामिल होने पर भी उसे गोल्ड मेडल नहीं दिया जाएगा. यूनिवर्सिटी का कहना है कि इन गोल्ड मेडल को बाहरी लोगों ने स्पॉन्सर किया और ये उन्हीं की शर्तें हैं.)
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