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आज देशभर में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है. ये ऐसा त्योहार है, जब आपको किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होती. Akshaya Tritiya को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना जाता है, मतलब इस पूरे दिन किसी काम की शुरुआत के लिए पंचांग देखकर किसी खास वक्त का इंतजार करने की जरूरत नहीं रह जाती है.
इसे पवित्र दिन माना गया है, इसलिए इस दिन नए कपड़े, नए आभूषण या अन्य चीजें घर लाने का चलन है. हालांकि किसी भी चीज में पैसे लगाने से पहले जरूरत या उसकी उपयोगिता जरूर देख लेनी चाहिए, सिर्फ शुभ मुहूर्त या भावना के आधार पर निर्णय करना ठीक नहीं.
मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम का धरती पर जन्म हुआ था. इस कारण ही अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. साथ ही ये भी माना गया है कि अक्षय तृतीया वाले दिन गंगा नदी स्वर्ग से धरती पर आई थीं. आज के दिन भोजन की देवी अन्नपूर्णा का जन्म दिवस भी मनाया जाता है.
ऐसी मान्यता है कि इस पर्व के दिन महादेव ने मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने को कहा था, इसलिए आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो दान किया जाता है उसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन घी, चीनी, अनाज, फल-सब्जी, इमली, कपड़े और सोने-चांदी दान करने का चलन है. इस दिन गरीब और भूखे लोगों को खाना जरूर खिलाकर उन्हें दान करना चाहिए.
साथ ही कहा जाता है कि अगर इस दिन गरीब बच्चों को दूध, दही जैसी चीजों का दान करें, तो देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
अक्षय तृतीया के खास मौके पर नई चीजें खरीदी जाती हैं. माना जाता है कि इस खास दिन पर खरीदारी करने से मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और घर में अन्न-धन का भंडार बना रहता है. सबसे ज्यादा इस दिन लोग सोना खरीदते हैं. अक्षय तृतीया के खास मौके पर कई दुकानों में सोने पर छूट भी मिलती है. इसके अलावा लोग चांदी, प्रॉपर्टी, गाड़ी, घर या कोई बड़ी चीज खरीदते हैं.
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