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Amalaki Ekadashi 2021: फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी मनाई जाती है. इस बार यह तिथि 25 मार्च 2021 गुरूवार के दिन पड़ रही है. इस एकादशी को आंवला एकादशी और आमलक्य एकादशी भी कहा जाता है.
इस दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है. इस दिन आंवले का महत्व बेहद विशेष है. मान्यता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास होता है. ऐसे में अगर इस दिन इस पेड़ के नीचे बैठकर विष्णु जी का पूजन किया जाए तो ज्यादा पुण्य की प्राप्ति होती है.
चित्रसेन नामक एक राजा था. वो भगवान विष्णु का भक्त था और आमलकी एकादशी के प्रति उसकी विशेष श्रद्धा थी. एक बार शिकार करते समय जंगल में उसे कुछ डाकुओं ने घेर लिया और शस्त्रों से हमला कर दिया. उस दिन राजा का आमलकी एकादशी का व्रत था.
डाकू राजा पर जिस शस्त्र से भी वार करते वो शस्त्र फूलों में बदल जाता. ये देखकर राजा को भी बड़ी हैरानी हुई. कुछ देर में राजा के शरीर से एक दिव्य शक्ति निकली और डाकू वहीं मर गए. इसके बाद वो शक्ति भी अदृश्य हो गई. इसके बाद आकाशवाणी हुई कि हे राजन! तुम्हारे व्रत के प्रभाव से आज ये सभी डाकू मारे गए हैं.
तुम्हारी देह से आमलकी एकादशी की वैष्णवी शक्ति उत्पन्न हुई थी, उसी शक्ति ने इनका वध किया है. अब वो शक्ति फिर से तुम्हारे शरीर के भीतर है. ये सब सुनकर राजा के मन में आमलकी एकादशी के प्रति श्रद्धा और ज्यादा बढ़ गई और वापस आकर उसने सारी घटना राज्य की प्रजा को सुनाकर इस एकादशी की महिमा का गुणगान किया.
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