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बौद्ध धर्म मानने वालों के लिए बुद्ध पूर्णिमा सबसे बड़ा त्योहार है. इसे 'बुद्ध जयंती' के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं. इस वजह से हिंदुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है. बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर पढ़िए भगवान गौतम बुद्ध की सिखाई हुई अहम बातें-
भगवान बुद्ध ने लोगों को मध्यम मार्ग का उपदेश दिया. उन्होंने दुःख, उसके कारण और निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग सुझाया. उन्होंने अहिंसा पर बहुत जोर दिया है. उन्होंने यज्ञ और पशु-बलि की निंदा की.
पंचशील सिद्धांत
चार आर्य सत्य
आर्य अष्टांग मार्ग
सम्यक दृष्टि: चार आर्य सत्य में विश्वास करना
सम्यक संकल्प: मानसिक और नैतिक विकास की प्रतिज्ञा करना
सम्यक वाक: हानिकारक बातें और झूठ न बोलना
सम्यक कर्म: हानिकारक कर्म न करना
सम्यक जीविका: कोई भी हानिकारक व्यापार या कमाई न करना
सम्यक प्रयास: अपने आप को सुधारने की कोशिश करना
सम्यक स्मृति: स्पष्ट ज्ञान से देखने की मानसिक योग्यता पाने की कोशिश करना
सम्यक समाधि: निर्वाण प्राप्त करना
बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग बौद्ध विहारों और मठों में इकट्ठा होकर सामूहिक तौर पर उपासना करते हैं और बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प लेते हैं.
इन जगहों पर दीप जलाकर बुद्ध के प्रति आस्था जाहिर की जाती है. इस दिन भगवान बुद्ध के अनुयायी उनकी मूर्तियों पर फूल-माला चढ़ाते हैं और शांति के लिए प्रार्थना करते हैं.
बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध की दी हुई शिक्षाओं और आदर्शों के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है.
हिंदू मान्यताओं में बुद्ध पूर्णिमा के दिन तीर्थ स्थलों में गंगा स्नान करने की परंपरा है. बताया जाता है कि इस महीने होने वाली पूर्णिमा को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में और चांद भी अपनी उच्च राशि तुला में होता है. कहते हैं कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन लिया स्नान कई जन्मों के पापों का नाश करता है.
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