Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dharma our aadhyatma  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Buddha Purnima 2023: भगवान बुद्ध की वो बातें, जो लोगों को दिखाती हैं सही राह

Buddha Purnima 2023: भगवान बुद्ध की वो बातें, जो लोगों को दिखाती हैं सही राह

Buddha Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा को 'बुद्ध जयंती' के नाम से जाना जाता है जो वैशाख पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है.

क्विंट हिंदी
धर्म और अध्यात्म
Published:
<div class="paragraphs"><p>Buddha</p></div>
i

Buddha

(फोटोःistock)

advertisement

Buddha Purnima 2023: बौद्ध धर्म (Buddhism) के अनुयायियों के लिए बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2023) सबसे महत्वपूर्ण त्‍योहार है. इसे 'बुद्ध जयंती' के नाम से भी जाना जाता है. हर साल ये वैशाख पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं, जिसके वजह से हिंदुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है. आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर भगवान गौतम बुद्ध की सिखाई गई कुछ खास बातें-

भगवान बुद्ध की दी हुई प्रमुख शिक्षाएं

भगवान बुद्ध ने लोगों को मध्यम मार्ग का उपदेश दिया. उन्होंने दुःख, उसके कारण और निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग द्वारा सुझाया है. उन्होंने अहिंसा पर बहुत जोर दिया है. साथ ही यज्ञ और पशु-बलि की निंदा की.

पंचशील सिद्धांत

  • प्राणिमात्र की हिंसा से दूर रहना

  • चोरी करने या जो दिया नहीं गया है, उसे लेने से दूर रहना चाहिए.

  • लैंगिक दुराचार या व्यभिचार से दूर रहना चाहिए.

  • कभी असत्य ना बोले.

  • मादक पदार्थों से हमेशा दूर रहें.

चार आर्य सत्य

  • दुख अर्थात् संसार में दुख है.

  • दुख-समुदय अर्थात् दुखों का कारण भी है.

  • दुख-निरोध अर्थात् दुखों का अन्त सम्भव है.

  • दुख-निरोध-मार्ग अर्थात् दुखों के अन्त का एक मार्ग है.

आर्य अष्टांग मार्ग

भगवान बुद्ध ने अष्‍टांगिक मार्ग का उपदेश दिया था. इस उपदेश में गौतम बुद्ध ने कहा था कि, चार आर्य सत्य की सत्यता का निश्चय करने के लिए इस मार्ग का अनुसरण करना चाहिए. बुद्ध द्वारा बताए गए इन 8 मार्गों का अपना अलग मतलब है.

सम्यक दृष्टि: चार आर्य सत्यों को मानना, जीव हिंसा नहीं करना, चोरी नहीं करना, व्यभिचार नहीं करना, ये शारीरिक सदाचरण हैं.

सम्यक संकल्प: चित्त से राग-द्वेष नहीं करना, दुराचरण ना करने का संकल्प लेना, सदाचरण करने का संकल्प लेना, धम्म पर चलने का संकल्प लेना.

सम्यक वाणी : सत्य बोलने का अभ्यास करना, मधुर बोलने का अभ्यास करना, धम्म चर्चा करने का अभ्यास करना. बौद्ध धर्म हमेशा इंसान को मुधर वाणी सिखाता है. 

सम्यक कर्मांत : प्राणियों के जीवन की रक्षा का अभ्यास करना, चोरी ना करना, पर-स्त्रीगमन नहीं करना.  

सम्यक आजीविका : मेहनत से आजीविका अर्जन करना और पांच प्रकार के व्यापार कभी नहीं करना चाहिए जो- मद्य का व्यापार, विष का व्यापार शस्त्रों का व्यापार, जानवरों का व्यापार, मांस का व्यापार है.

सम्यक व्यायाम : आष्टांगिक मार्ग का पालन करने का अभ्यास करना, शुभ विचार पैदा करने वाली चीजों को मन में रखना.  

सम्यक स्मृति: वेदनानुपस्सना, चित्तानुपस्सना, कायानुपस्सना, धम्मानुपस्सना, ये सब मिलकर विपस्सना साधना कहलाता है, जिसका अर्थ है- स्वयं को ठीक प्रकार से देखना.

सम्यक समाधि : अनुत्पन्न पाप धर्मों को ना उत्पन्न होने देना, उत्पन्न पाप धर्मो के विनाश मे रुचि रखना इसका मूल्य उद्देश्य है..

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT