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Chaitra Navratri 2022 Day 4th Aarti Lyrics: चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन 25 मार्च 2023 को मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) की पूजा की जाती हैं. मां दुर्गा का यह रूप शक्ति को प्रदर्शित करता है इसीलिए उन्हें आदिशक्ति और आदिस्वरूपा के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, अपनी मंद मुस्कान से ‘अण्ड’ यानी ‘ब्रह्मांड’ की उत्पत्ति करने के कारण मां दुर्गा को कुष्मांडा कहा गया.
ऐसी मान्यता है कि जब दुनिया नहीं थी, उसी वक्त मां दुर्गा ने अपनी मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की, यही वजह है कि उन्हें सृष्टि की आदिशक्ति के नाम से भी जाना जाता हैं. मां दुर्गा के इस स्वरूप में आठ भुजाएं हैं. इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्णकलश, चक्र, गदा व जप माला हैं, मां कूष्मांडा का वाहन सिंह है.
कुष्मांडा: ऐं ह्री देव्यै नम:
वन्दे वांछित कामर्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्। सिंहरूढ़ा अष्टभुजा कूष्माण्डा यशस्वनीम्॥
ॐ कूष्माण्डायै नम:
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।
सुबह स्नना कर साफ वस्त्र धारण करें.
देवी को सिंदूर, चूड़ियां, काजल, बिंदी, कंघी, शीशा, लाल चुनरी आदि चढ़ाएं.
प्रसाद के रूप में देवी को मालपुए, दही या हलवा चढ़ाएं.
इसके बाद उनके मुख्य मंत्र 'ॐ कुष्मांडा देव्यै नमः' का 108 बार जाप करें.
मंत्रों का जाप करने के बाद आरती कर पूजा संपन्न करें.
कुष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी।।
पिंगला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी मां भोली भाली।।
लाखों नाम निराले तेरे।
भक्त कई मतवाले तेरे।।
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा।।
सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुंचाती हो मां अंबे।।
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा।।
मां के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी।।
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो मां संकट मेरा।।
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो।।
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए।।
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