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Chaitra Vinayak Chatuthi 2023: चैत्र विनायक चतुर्थी कब हैं, जानें तिथि व मुहूर्त

Vinayak Chatuthi 2023: चैत्र महीने की विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया भी रहेगा.

अंशुल जैन
धर्म और अध्यात्म
Published:
<div class="paragraphs"><p>Chaitra Vinayak Chatuthi 2023</p></div>
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Chaitra Vinayak Chatuthi 2023

(फोटो: pinterest)

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Chaitra Vinayak Chaturth: हिन्दु धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित तिथि होती हैं. चैत्र माह की विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है, क्योंकि इस व्रत में विघ्नहर्ता की पूजा के साथ मां दुर्गा की चौथी शक्ति मां कूष्मांडा की आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से कार्य में सफलता मिलती है और संतान सुख प्राप्ति होता है. साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है. विनायक चतुर्थी को वरद विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.

Chaitra Vinayak Chaturthi 2023 Date: चैत्र विनायक चतुर्थी तिथि व मुहूर्त

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी 25 मार्च 2023, शनिवार के दिन पड़ी है. पंचांग अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 24 मार्च 2023 शुक्रवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 25 मार्च 2023 शनिवार को शाम 04 बजकर 23 मिनट पर होगा. वहीं गणपति पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 14 मिनट से दोपहर 01.41 बजे तक का हैं.

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Chaitra Vinayak Chaturthi 2023 Bhadra Kaal Time: चैत्र विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया

चैत्र महीने की विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया भी रहेगा. 25 मार्च 2023 को भद्रा की शुरुआत सुबह 04.35 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन शाम 04 .23 पर होगा. भद्रा को अशुभ माना जाता है लेकिन इस दिन भद्रा स्वर्ग लोक में भ्रमण करेगी ऐसे में पृथ्वीलोक पर इसका असर नहीं पड़ेगा. भद्रा में मांगलिक कार्य करने की मनाही है लेकिन गणपति की पूजा में कोई अवरोध नहीं आएगा.

Vinayak Chaturthi Puja Vidhi: ऐसे करें गणेश जी की पूजा

  • इस दिन ब्रह्न मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें.

  • इसके बाद साफ लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें.

  • अब पूजा घर में चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें.

  • गणेश जी का जलाभिषेक करें.

  • अब भगवान को फूल, माला, दूर्वा चढ़ा दें.

  • भगवान गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं.

  • अब भगवान को मोदक, बूंदी के लड्डू चढ़ा दें.

  • अंत में आरती आदि करने के बाद प्रसाद बांट दें.

  • व्रत रखने के बाद पंचमी तिथि के दिन व्रत का पारण कर दें.

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