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Happy Diwali: इस शुभ मुहूर्त में करें लक्ष्मी पूजा,जानें पूजा विधि

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए रात का समय ही श्रेष्ठ रहता है.

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धर्म और अध्यात्म
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Happy Diwali/Deepavali Lakshmi Puja Vidhi, Shubh Muhurat Time
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Happy Diwali/Deepavali Lakshmi Puja Vidhi, Shubh Muhurat Time
(फोटो सोर्स- I Stock)

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27 अक्टूबर को देवी लक्ष्मी की पूजा का त्योहार दिवाली (दीपावली) है. इस साल दिवाली पर कुछ खास संयोग बन रहे हैं. दिवाली के दिन शाम को शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए रात का समय ही श्रेष्ठ रहता है. इस वजह से अधिकतर लोग देर रात लक्ष्मी पूजन करते हैं.

ऐसी मान्यता है कि जो लोग दीपावली की रात जागकर लक्ष्मी पूजन करते हैं, उनके घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है. साथ ही घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. जो लोग अमावस्या तिथि पर पितरों के लिए श्राद्ध करना चाहते हैं, उन्हें 28 अक्टूबर (सोमवार) की सुबह श्राद्ध कर्म करना चाहिए. श्राद्ध कर्म के लिए सुबह का समय उत्तम माना जाता है. 28 अक्टूबर की सुबह अमावस्या तिथि रहेगी.

Deepwali के दिन लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

  1. लक्ष्मी पूजा का समय – 06:43 PM से 08:15 PM तक
  2. अवधि – 01 घंटा 32 मिनट
  3. प्रदोष काल – 05:41 PM से 08:15 PM
  4. वृषभ काल – 06:43 PM से 08:39 PM
  5. अमावस्या तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 27, 2019 को 12:23 PM बजे
  6. अमावस्या तिथि समाप्त – अक्टूबर 28, 2019 को 09:08 AM बजे
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दिवाली की पूजा में सबसे पहले एक चौकी पर सफेद वस्त्र बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी, सरस्वती और गणेश जी का चित्र या मूर्ति को विराजमान करें. इसके बाद हाथ में पूजा के जलपात्र से थोड़ा-सा जल लेकर उसे प्रतिमा के ऊपर निम्न मंत्र पढ़ते हुए छिड़कें. बाद में इसी तरह से स्वयं को और अपने पूजा के आसन को भी इसी तरह जल छिड़ककर पवित्र कर लें.

संकल्प के लिए हाथ में अक्षत (चावल) लें और फिर फल-फूल भगवान गणेश और मां लक्ष्मी को अर्पित करें. इसके बाद गणेश जी और माता लक्ष्मी का पूजन करें. इसके बाद नवग्रहों का पूजन करें. सभी देवी-देवताओं के तिलक लगाकर स्वयं को भी तिलक लगवाएं. इसके बाद मां महालक्ष्मी की पूजा शुरू करें.

ऐसे होगी पूजा पूरी

सबसे पहले भगवान गणेशजी, लक्ष्मीजी का पूजन करें. उनकी प्रतिमा के आगे 7, 11 या 21 दीपक जलाएं और मां को श्रृंगार सामग्री अर्पण करें. मां को भोग लगाएं. इसके बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती करें. इस तरह से आपकी पूजा पूर्ण होती है.

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Published: 27 Oct 2019,03:12 PM IST

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