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रमजान का आखिरी जुमा 31 मई को है. इसे जुमा-तुल-विदा कहा जाता है, जो ईद के ठीक पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है. ईद मुस्लिम समुदाय का बहुत बड़ा पर्व है, जो बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है.
इस दौरान लोग नमाज पढ़ते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे के घर ईद की मुबारकबाद देने जाते हैं. कहा जाता है कि रमजान का आखिरी जुमा पूरे साल के सभी जुमों से सबसे खूबसूरत और शुभ होता है. इस दिन के बाद से ही सब ईद की तैयारी के लिए जुट जाते हैं.
इस मौके पर लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं. हम आपको 'अलविदा जुमा मुबारक' की कुछ शायरी और कोट्स बता रहे हैं, जो आप अपने करीबियों को भेज सकते हैं.
1- तस्वीर-ए-कायनात का अक्स है अल्लाह, दिल को जो जगा दे वो एहसास है अल्लाह, ऐ बंदे-मोमिन तेरा दिल क्यों उदास है, हर पल हर लम्हा तेरे पास है अल्लाह.
Alvida Jumma Mubarak!
2- आपके चेहरे पे हंसी सदा रहे, मेरा हर लफ्ज आपके लिए दुआ रहे, जिंदगी में पाओ खुशी हर कदम पर, दूर आपसे दुनिया का हर गम सदा रहे.
Alvida Jumma Mubarak!
3- सारी जिंदगी लगा दी तूने माल जमा करने में ऐ इंसान, मगर शायद तू ये भूल गया कि ना कफन में जेब होती है, ना कब्र में आलमारी
Alvida Jumma Mubarak!
4- जिसका दिल खुदा के खौफ से खाली हो, उसका घर कभी रहमत से नहीं भर सकता, जो नसीब में है वो चल कर भी आएगा, जो नसीब में नहीं है वो आकर भी चला जाएगा.
Alvida Jumma Mubarak!
5- कितनी जल्दी ये अरमान गुजर जाता है, प्यास लगती नहीं इफ्तार गुजर जाता है, हम सब गुनहगारों की मगफिरत करे अल्लाह, इबादत होती नहीं और रमजान गुजर जाता है
Alvida Jumma Mubarak!
6- सदा हंसते रहो जैसे हंसते हैं फूल, दुनिया के सारे गम तुम्हें जाए भूल, चारों तरफ फैलाओ खुशियों के गीत, इसी उम्मीद के साथ यार तुम्हें...
Alvida Jumma Mubarak!
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