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Gangaur 2021: हिंदू धर्म में गणगौर पूजा का विशेष महत्व है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को सुहागिन महिलाएं गणगौर तीज का व्रत रखती हैं. इस साल गणगौर व्रत 15 अप्रैल 2021 गुरुवार का है. इस दिन माता पार्वती ने भगवान शंकर से सौभाग्यवती रहने का वरदान प्राप्त किया था तथा पार्वती ने अन्य स्त्रियों को सौभाग्यवती रहने का वरदान दिया था.
इस दिन सुहागिनें पति की लंबी आयु की कामना के लिए गणगौर माता यानी माता गौरा की विधि-विधान से पूजा करती हैं. गणगौर तीज का व्रत मुख्य रूप में मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है. गणगौर व्रत सुहागिनों के साथ कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं.
एक बार भगवान शंकर पार्वती एवं नारदजी के साथ भ्रमण के लिए चल दिए. वे चलते-चलते चैत्र शुक्ल तृतीया के दिन एक गांव में पहुंचे. उनका आना सुनकर ग्राम की निर्धन स्त्रियां उनके स्वागत के लिए थालियों में हल्दी अक्षत लेकर पूजन हेतु पहुंच गई. पार्वती जी ने उनके पूजा भाव को समझकर सारा सुहाग रस उन पर छिड़क दिया. वे अटल सुहाग प्राप्त कर लौटीं. धनी वर्ग की स्त्रियां थोड़ी देर बाद अनेक प्रकार के पकवान सोने-चांदी के थाल में सजाकर पहुंची.
इन स्ति्रयों को देखकर भगवान शंकर ने पार्वती से कहा- तुमने सारा सुहाग रस तो निर्धन वर्ग की स्त्रियां को दे दिया. अब इन्हें क्या दोगी? पार्वती बोली- प्राणनाथ! उन स्ति्रयों को ऊपरी पदार्थो से बना रस दिया गया है. परंतु मैं इन धनी वर्ग की स्त्रियों को अपनी अंगुली चीरकर रक्त का सुहाग दूंगी जो मेरे समान सौभाग्यवती हो जाएंगी. जब इन स्त्रियों ने पूजन समाप्त कर लिया तब पार्वतीजी ने अपनी अंगुली चीरकर उस रक्त को उनके ऊपर छिड़क दिया. जिस पर जैसे छींटे पड़े उसने वैसा ही सुहाग पा लिया.
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