Guru Purnima 2020 : 5 जुलाई को है गुरु पूर्णिमा, जानें शुभ मुहुर्त
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव सबसे पहले गुरु माने जाते हैं.
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गुरु पूर्णिमा महर्षि के सम्मान में मनाया जाता है.
(फोटो:iStock)
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आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. महर्षि के सम्मान में इसे गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लोग इस त्योहार को मनाते हैं. इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनका आशिर्वाद लेते हैं.
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिका की तिथि: 5 जुलाई
गुरु पूर्णिमा प्रारंभ: 4 जुलाई 2020 को सुबह 11 बजकर 33 मिनट से
गुरु पूर्णिमा तिथि सामप्त: 5 जुलाई 2020 को सुबह 10 बजकर 13 मिनट तक
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गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा पर सवेरे जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
इसके बाद घर के मंदिर में किसी चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाएं और फिर व्यास पीठ बनाएं.
इसके बाद ''गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये'' मंत्र का जाप करें.
जाप के बाद अपने गुरु या उनके फोटो की पूजा करें.
अगर गुरु सामने ही हैं तो सबसे पहले उनके चरण धोएं. उन्हें तिलक लगाएं और फूल अर्पण करें.
अब उन्हें भोजन कराएं.
इसके बाद दक्षिण दें और पैर छूकर विदा करें.
गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण
इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी है. लगभग दो घंटे 43 मिनट और 24 सेकेंड तक रहेगा. हालांकि, 5 जुलाई को लगने वाला यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.
वैदिक ग्रंथों में शिव को माना जाता है पहला गुरु
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव सबसे पहले गुरु माने जाते हैं. शनि और परशुराम इनके दो शिष्य हैं. शिवजी ने ही सबसे पहले धरती पर सभ्यता और धर्म का प्रचार-प्रसार किया था इसलिए उन्हें आदिदेव और आदिगुरू कहा जाता है. शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है.