Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Zindagani Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Dharma our aadhyatma  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भगवान शिव के प्रिय Rudraksha का महत्व, जानिए कितने तरह के होते है

भगवान शिव के प्रिय Rudraksha का महत्व, जानिए कितने तरह के होते है

रुद्राक्ष कितने प्रकार के होता है? जानिए इसे धारण करने वाले के लिए यह कितना लाभकारी है

Prakash Pandey
धर्म और अध्यात्म
Updated:
Types, Advantages & Benefits of Rudraksha | जानिए रुद्राक्ष धारण करने वाले के लिए यह कितना लाभकारी है
i
Types, Advantages & Benefits of Rudraksha | जानिए रुद्राक्ष धारण करने वाले के लिए यह कितना लाभकारी है
Photo: iStock

advertisement

सावन महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है. भगवान शिव को रुद्राक्ष अतिप्रिय हैं रुद्राक्ष का अर्थ है - रूद्र का अक्ष. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू की बूंदों से हुई है. कहा जाता है की सावन के महीने में रुद्राक्ष धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है.

रुद्राक्ष ऊर्जा और शक्तिदायक होते है. रुद्राक्ष को ग्रह शांति के लिए, सुरक्षा के लिए और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रयोग किया जाता रहा है.

Rudraksha कितने प्रकार के होते है

Types of RudrakshaPhoto: ज्योतिष गोपाल कृष्ण 

रुद्राक्ष कितने प्रकार के पाए जाते हैं यह सुनिश्चित कर पाना कठिन है ज्योतिष गोपाल कृष्ण के अनुसार, रुद्राक्ष 21 मुखी तक होते है. हर रुद्राक्ष के एक कोने से लेकर दूसरे कोने तक कुछ धारियां खिंची होती हैं. इन्हें मुख कहा जाता है. रुद्राक्ष को उसके मुख के आधार पर अलग अलग नाम दिए गए हैं.

Rudraksha के महत्व

  • एक मुखी रुद्राक्ष: ये साक्षात भगवान शिव का रूप है. इसे धारण करने से भक्ति और मुक्ति दोनों मिलते हैं. लक्ष्मी और वैभव की होती है.
  • दो मुखी रुद्राक्ष: ये रुद्राक्ष अर्धनारिश्वर (शिव और शक्ति) का स्वरुप है. ये घर-गृहस्थी में श्रद्धा विश्वास और पति-पत्नी में एकात्मक भाव उत्त्पन करता है
  • तीन मुखी रुद्राक्ष: ये अग्नि स्वरुप रुद्राक्ष है. इसे धारण करने वाला अग्नि समान तेजस्वी हो जाता है. यह ध्यान, ज्ञान और योग में सहायक है.
  • चार मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष साक्षात ब्रह्मा जी का स्वरुप है. यह धार्मिक, आध्यात्मिक और आत्मविश्वास बढ़ाने में पूरक है.
  • पांच मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष भगवान पशुपतिनाथ तथा पंच ब्रह्म स्वरुप है. पांच मुखी रुद्राक्ष धारक दीर्घायु और शांतिप्रिय होता है
  • छः मुखी रुद्राक्ष: ये रुद्राक्ष शिव पुत्र कार्तिकेय स्वरुप है. यह विद्या, ज्ञान, आत्मविश्वास और बुद्धि प्रदाता है
  • सात मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष लक्ष्मी जी का स्वरुप है. यह मानसिक विपत्तियों को दूर करता है. इसे धारण करने से व्यापारिक कार्य में सफलता मिलती है.
  • आठ मुखी रुद्राक्ष: यह रुद्राक्ष भगवान अष्ट विनायक का रूप है. यह सभी देवों में प्रथम पूज्य है. यह विजयश्री रुद्राक्ष सभी शुभ कार्य में लाभकारी है
  • नौ मुखी रुद्राक्ष: यह नवदुर्गा का स्वरुप है. इसे धारण करने से वीरता, साहस, कर्मठता की प्राप्ति होती है. ये धारक को नवरात्र व्रत के समान पुण्य देता है
  • दस मुखी रुद्राक्ष: यह भगवान विष्णु का स्वरुप है. इसे धारण करने से विष्णु के दशावतार देवों की दिव्य शक्तियां प्राप्त होती है. यदि बाधा के समय साथ न दे तोह इसे जरुर धारण करे
  • ग्यारह मुखी रुद्राक्ष: यह भगवान हनुमान जी का स्वरुप है. यह धारक को बलिष्ठ बनता है. यह हीनभावना, निराशावादी मनुय के लिए अत्यंत लाभकारी है. धारक के मन में दया और सेवा भाव को उत्पन्न करता है.
  • बारह मुखी रुद्राक्ष: यह भगवान सूर्य का स्वरुप है. धारक सभी दिशाओ में ख्याति प्राप्त करता है. ये शक्ति सामर्थ्य का प्रतीक है. धारक की वाणी में चातुर्यता लाता है.
  • तेरह मुखी रुद्राक्ष: यह भगवान कामदेव का स्वरुप है. धारक ऐश्वर्य प्राप्ति और संसारिक मनोकामनाओं की इच्छा प्राप्ति करता है. यह मानसिक तथा लैंगिक विकार दूर करता है.
  • चौदह मुखी रुद्राक्ष: यह भगवान कुबेर का स्वरुप है. धारक इसे धारण करने से शिवप्रिय हो जाता है. स्वयंभगवान् शिव ने चौदहमुखी रुद्राक्ष धारण किया जाता है. इस रुद्राक्ष में २ मुखी से लेकर १३ मुखी रुद्राक्ष के सभी गुण विदमान होते है.

रुद्राक्ष एक कोमल और जैव प्रदार्थ है. अतः इससे किसी प्रकार की एलर्जी आदि की कोई शिकायत नहीं होती है. किसी की त्वचा कितनी भी संवेदनशील क्यों न हो, वह इसे धारण कर सकता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 01 Aug 2019,08:29 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT