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तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई रविवार को लगाने जा रहा है. इस साल जून के महीने में देशभर के लोगों को एक साथ दो ग्रहण देखने को मिले. जून के महीने की शुरुआत में सबसे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था. इसके बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था और सभी लोगों द्वारा टीवी पर इसे देखा भी गया था.
5 जुलाई को लगने वाला यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्रग्रहण मुख्य रूप से यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पैसिफिक और अंटार्टिका में दिखाई देगा. वहां के लोग इस चंद्र ग्रहण को देख सकेंगें. इस ग्रहण का कुल समय तकरीबन पौने तीन घंटे कहा जा रहा है.
यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ऐसी स्थिति में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. मान्यता है कि चंद्रग्रहण लगाने के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है लेकिन यह चंद्रग्रहण उपछाया चंद्रग्रहण है इसलिए इसमें सूतक काल नहीं माना जायेगा क्योंकि उपछाया चंद्रग्रहण में सूतक काल को मान्यता नहीं दी जाती है.
5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है. उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. हर चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहा जाता है. उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं.
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