advertisement
5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा भी है. यह लगातार तीसरा साल है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है. इससे पहले 2019 और 2018 में भी गुरु पूर्णिमा के ही दिन चंद्र ग्रहण लगा था.
इस साल जून के महीने में देशभर के लोगों को एक साथ दो ग्रहण देखने को मिले. जून के महीने की शुरुआत में सबसे पहले 5 जून को चंद्र ग्रहण लगा था. इसके बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा था और सभी लोगों द्वारा टीवी पर इसे देखा भी गया था.
5 जुलाई को लगने वाला ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण है. उपच्छाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. हर चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में अवश्य प्रवेश करता है, जिसे चंद्र मालिन्य कहा जाता है. उसके बाद ही चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे चंद्रग्रहण कहते हैं.
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है. चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है. एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)